बालेश्वर। सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ‘ब्रह्मोस’ का सोमवार को ओडिशा के चांदीपुर से सफल परीक्षण किया गया। चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण केंद्र से सुबह 10:15 बजे सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस का परीक्षण किया गया।
भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम परियोजना के तहत निर्मित ब्रह्मोस मिसाइल 290 किमी तक की दूरी तक प्रहार कर सकेगी। यह अपने साथ 200 किलोग्राम वजनी मुखास्त्र काे अपने साथ ले जाने में सक्षम है।
नौ मीटर लंबी इस मिसाइल को थोड़े बहुत परिवर्तन के बाद किसी भी जहाज या पनडुब्बी पर ले जाया जा सकता है। यह ध्वनि की दोगुनी गति से 14 किलोमीटर की ऊंचाई तक जा सकता है। इसमें ठोस प्रणोदक का इस्तेमाल किया जाता है।
आईटीआर सूत्रों ने बताया कि मिसाइल की परिधि 670 मिली की है और लगभग तीन टन वजनी यह मिसाइल जमीन के निकट भी प्रहार कर सकती है लेकिन इससे इसकी रेंज कम होकर 120 किलाेमीटर रह जाएगी।
ब्रह्मोस का पहला परीक्षण फरवरी 2003 में किया गया था। इसका नाम दो नदियों भारत के ब्रह्मपुत्र और रूस के मोस्क्वा से लिया गया है। ब्रह्मोस दुनिया की कुछ सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है और इस मिसाइल सिस्टम को नौसेना पहले ही स्वीकार कर चुकी है।