नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय कठुआ सामूहिक बलात्कार एवं हत्या मामले के दो प्रमुख आरोपियों की याचिकाओं की सुनवाई पर सहमत हो गया है।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की पीठ ने आरोपी सांझी राम और विशाल जंगोत्रा की याचिका सुनवाई के लिए मंजूर कर ली। दोनों आरोपियों ने मामले की सुनवाई चंडीगढ़ स्थातांतरित न करने और मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का आग्रह किया है। याचिकाकर्ताओं का आग्रह है कि मृतका के पिता की ओर से दायर याचिका में उन्हें भी पक्षकार बनाया जाये। इस बीच भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने मामले में आरोप पत्र दायर करने में स्थानीय वकीलों द्वारा बाधा पहुंचाये जाने के आरोपों का खंडन किया है।
परिषद की जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट पेश करते हुए कहा कि जम्मू बार एसोसिएशन के वकीलों ने न तो मृतका के परिवार की वकील दीपिका रजावत को धमकी दी और न ही पुलिस को आरोप-पत्र दायर करने से रोका। न्यायालय ने कहा कि उसकी वास्तविक चिंता इस मामले की निष्पक्ष सुनवाई है। उसे थोड़ा सा भी ऐसा प्रतीत हुआ कि कठुआ में निष्पक्ष सुनवाई नहीं हो सकती तो वह इस मामले को बाहर स्थानांतरित कर देगा।