नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने राजधानी में सीलिंग पर किसी तरह की राहत का संकेत दिये बिना गुरुवार को कहा कि गैर-कानूनी और अवैध निर्माण की सीलिंग के लिए अग्रिम नोटिस देने की कोई जरूरत नहीं है।
शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार से उस नियम को खत्म किये जाने पर जवाब मांगा है, जिसके हिसाब से सीलिंग करने के 48 घंटे पहले नोटिस दिया जाना जरूरी है। न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर की अध्यक्षता वाली पीठ ने 27 हजार से ज्यादा अवैध और प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों को बंद करने का भी निर्देश दिया।
उल्लेखनीय है कि पिछले सात सितंबर को शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार द्वारा गठित विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को आड़े हाथों लेते हुए कहा था कि लगता है कि इन पर दबाव है, खासकर व्यापारियों का। न्यायालय ने कड़ी नाराजगी जताते हुए कहा था कि दिल्ली से मुंबई नहीं, बल्कि कन्याकुमारी तक की दूरी का यहां अवैध कब्जा है।
न्यायमूर्ति लोकुर ने सरकार से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि जहां भी रिहायशी क्षेत्रों में अवैध तरीके से औद्योगिक इकाइयां चलायी जा रही हैं, उन्हें 15 दिनों के भीतर सील किया जाये।