नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सुदर्शन न्यूज के ‘बिंदास बोल’ कार्यक्रम के विवादित एपिसोड देखने से सोमवार को इनकार कर दिया, साथ ही केंद्र सरकार से पूछा कि क्या कोई ऐसा कानून है जिसके तहत सरकार ऐसे कार्यक्रमों में हस्तक्षेप कर सकती है?
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की खंडपीठ ने इस मामले में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से पूछा कि क्या कानून के अनुसार सरकार इसमे हस्तक्षेप कर सकती है?
न्यायालय ने कहा कि आज कोई ऐसा कार्यक्रम है जो आपत्तिजनक नहीं है? कानून के अनुसार सरकार इसमें हस्तक्षेप कर सकती है? रोजाना लोगों की आलोचना होती है, निंदा होती है और लोगों की छवि खराब की जाती है?
उन्होंने मेहता से पूछा कि क्या केंद्र सरकार ने चार एपिसोड के प्रसारण की अनुमति देने के बाद कार्यक्रम पर नजर रखी? इससे पहले, न्यायालय ने सुदर्शन न्यूज के हलफनामे पर आपत्ति जताई। साथ ही उसके एपिसोड देखने से इनकार कर दिया।