नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय माध्यमिक परीक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की 10वीं एवं 12वीं की रद्द परीक्षाओं के लिए आंतरिक आकलन के आधार पर परीक्षा परिणाम जारी करने की योजना के बोर्ड के मसौदे को शुक्रवार को मंजूर कर लिया।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सीबीएसई की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति दिनेश माहेश्वरी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की खंडपीठ के कल के आदेश के अनुरूप नई अधिसूचना का मसौदा पेश किया, जिसे उसने स्वीकार कर लिया।
न्यायालय ने स्पष्ट कर दिया कि 10वीं और 12वीं की शेष परीक्षाओं को रद्द करने और उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर सीबीएसई के आदेश का नियमन नई अधिसूचना के तहत किया जाएगा।
मेहता ने न्यायालय को बताया कि सीबीएसई एक घंटे के भीतर ही नई अधिसूचना जारी करेगा, क्योंकि विद्यार्थी बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि इंडियन सर्टिफिकेट ऑफ सेकेण्ड्री एजुकेशन (आईसीएसई) ने एक सप्ताह के भीतर नई अधिसूचना जारी करने की बात की।
न्यायालय में सौंपी गई नई अधिसूचना में सीबीएसई ने कहा है कि उसने 10वीं और 12वीं की एक से 15 जुलाई तक होने वाली परीक्षाएं रद्द कर दी है और परिणाम के लिए आंतरिक आकलन का सहारा लिया जाएगा। नई अधिसूचना में कहा गया है कि आंतरिक आकलन योजना के आधार पर परीक्षा परिणाम 15 जुलाई तक प्रकाशित किये जाएंगे, ताकि विद्यार्थी भारत एवं विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए नामांकन के वास्ते आवेदन कर सकेंगे।
सीबीएसई ने, हालांकि यह स्पष्ट किया है कि छात्रों के लिए परीक्षा का विकल्प भी खुला रहेगा। जिन छात्रों का आंतरिक आकलन के आधार पर परीक्षा परिणाम जारी होगा, वे भी फिर से परीक्षा के विकल्प का इस्तेमाल कर सकते हैं। जब तक कोई छात्र विकल्प का इस्तेमाल नहीं करता, उसका आंतरिक आकलन योजना के तहत जारी परीक्षा परिणाम अंतिम माना जाएगा।
सीबीएसई ने स्पष्ट किया कि परीक्षा का विकल्प केवल 12वीं के छात्रों के लिए होगा, 10वीं के लिए नहीं। दसवीं के लिए परीक्षा परिणाम आंतरिक आकलन के आधार पर ही अंतिम होगा। सीबीएसई ने आकलन योजना के तहत कहा है कि जो विद्यार्थी तीन से अधिक विषयों की परीक्षा में शामिल हो चुके हैं उनके सर्वाधिक अंक वाले तीन विषयों का औसत निकालकर उसी के अनुरूप छूटे हुए विषयों में अंक प्रदान किए जाएंगे, लेकिन जिन छात्राें ने केवल तीन विषयों की ही परीक्षा दी थी, उनके सबसे अधिक अंक वाले दो विषयों का औसत निकालकर शेष विषयों में अंक दिए जाएंगे।
सीबीएसई ने कहा है कि 12वीं में, खासकर दिल्ली में, ऐसे बहुत कम छात्र हैं, जिन्होंने एक या दो विषयों की परीक्षाएं दी हैं। उनके परीक्षा परिणाम शामिल हुए विषयों में हासिल अंक तथा आंतरिक/प्रैक्टिकल/प्रोजेक्ट आकलन के आधार पर जारी किए जाएंगे।
इससे पहले सुनवाई के दौरान आईसीएसई के वकील ने कहा कि उनकी भी अधिसूचना सीबीएसई से लगभग मिलती-जुलती है, लेकिन 10वीं के छात्रों के मामले में यह थोड़ा अलग हैं। आईसीएसई काउंसिल 10वीं के छात्रों को भी परीक्षा का विकल्प देगी।
इससे पहले मेहता द्वारा परीक्षा का विकल्प सुझाये जाने को लेकर याचिकाकर्ताओं के वकील ऋषि मल्होत्रा ने कई सवाल खड़े किए। इस पर मेहता ने कहा कि उनकी योजना छात्र की सुविधा को प्रदान करने वाली है।
अमित बाथला के नेतृत्व में अभिभावकों के एक समूह ने शेष परीक्षाओं का प्रस्तावित आयोजन रद्द करने तथा आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर परीक्षाफल जारी करने को लेकर शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। न्यायालय ने इसके साथ ही सभी याचिकाओं का निपटारा कर दिया।