नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने अयोध्या भूमि विवाद को वृहद पीठ को भेजने से गुरुवार को इनकार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय खंडपीठ ने 2:1 के बहुमत का फैसला सुनाते हुए कहा कि इस्माइल फारूकी मामले में इस न्यायालय का फैसला भूमि अधिग्रहण से जुड़ा था और अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई में उस बिंदु को शामिल नहीं किया जा सकता।
खंडपीठ में मुख्य न्यायाधीश के अलावा न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नज़ीर शामिल हैं। न्यायमूर्ति भूषण ने अपनी और मुख्य न्यायाधीश की ओर से फैसला सुनाया जबकि न्यायमूर्ति नज़ीर ने असहमति का फैसला सुनाया।
न्यायमूर्ति भूषण ने कहा कि फारुकी मामले में नमाज़ पढ़ने से संबंधित पांच सदस्यीय संविधान पीठ का फैसला भूमि अधिग्रहण से जुड़ा था। उसे अयोध्या भूमि विवाद से जोड़कर नहीं देखा सकता।
उन्होंने कहा कि इस परिस्थिति में अयोध्या भूमि विवाद को वृहद पीठ के सुपुर्द करने से इन्कार कर दिया। अब अयोध्या विवाद की सुनवाई 29 अक्टूबर को होगी।