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विनोद राय और डायना इडुलजी को मिलेंगे 3.7 करोड़ रूपए - Sabguru News
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विनोद राय और डायना इडुलजी को मिलेंगे 3.7 करोड़ रूपए

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विनोद राय और डायना इडुलजी को मिलेंगे 3.7 करोड़ रूपए

मुंबई। सौरभ गांगुली के बीसीसीआई का नया अध्यक्ष बनने के साथ ही प्रशासकों की समिति (सीओए) का 33 महीनों का कार्यकाल बुधवार को समाप्त हो गया और इसके अध्यक्ष विनोद राय तथा सदस्य डायना इडुलजी को इस कार्यकाल के लिए 3.7 करोड़ रूपए का भुगतान किया जाएगा।

राय और इडुलजी को जहां 3.7 करोड़ रूपए मिलेंगे वहीं इस साल सीओए के नए सदस्य बनने वाले रवि थोडगे को 1.08 करोड़ रूपए मिलेंगे। लेकिन इस समिति के शुरूआती दो सदस्यों रामचंद्र गुहा और विक्रम लिमये ने अपनी सेवाओं के लिए भुगतान लेने से इंकार कर दिया है। गुहा को अपनी सेवाओं के लिए 40 लाख रूपए और लिमये को 70 लाख रूपए मिलने थे। गुहा चार महीने के लिए और लिमये सात महीनों के लिए समिति के सदस्य रहे थे।

बीसीसीआई के संचालन के लिए सीओए को नियुक्त करने वाले उच्चतम न्यायालय ने समिति के सदस्यों की सेवाओं के लिए भुगतान करने का निर्देश दिया है। लेकिन गुहा का कहना है कि उनकी अंतर्रात्मा उन्हें यह भुगतान लेने की इजाजत नहीं देती है। सीओए का गठन जनवरी 2017 में किया गया था और चार सदस्यीय पैनल में राय और इडुलजी के अलावा गुहा और लिमये को शामिल किया गया था।

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को सीओए का यह आग्रह स्वीकार कर लिया था कि बीसीसीआई के नए पदाधिकारियों की नियुक्ति के बाद उन्हें उनकी जिम्मेदारियों से मुक्त किया जाए। बीसीसीआई ने सिफारिश की थी कि सीओए के प्रत्येक सदस्य को 2017 के लिये 10 लाख रूपए प्रति माह, 2018 के लिए 11 लाख रूपए प्रति माह और 2019 के लिए 12 लाख रूपए प्रति माह का भुगतान किया जाए जिसे सर्वाेच्च अदालत ने स्वीकार कर लिया था।

मुआवजे के अनुसार राय और इडुलजी दोनाें को 3.7 करोड़ रूपए मिलने हैं। अदालत ने आदेश दिया है कि सीओए का कार्यकाल समाप्त होने के दो दिनों के अंदर उनका भुगतान जारी कर दिया जाए।

गुहा को अपने चार माह के कार्यकाल के लिये 40 लाख रूपए और लिमये को सात माह के कार्यकाल के लिये 70 लाख रूपए मिलने थे। दाेनों ने 2017 में ही अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था। लिमये का कार्यकाल जुलाई 2017 में ही समाप्त हो गया था लेकिन दोनों ने साफ कर दिया है कि वे अपनी सेवाओं के लिए कोई भुगतान नहीं लेंगे।

प्रतिष्ठित इतिहासकार गुहा ने तो बीसीसीआई के मुख्य वित्त अधिकारी संतोष रांगनेकर के मेल पर हैरानी जताई कि उन्हें भुगतान देने के लिए कहा गया है। उन्होंने कहा कि मेरा ज़मीर इस बात की गवाही नहीं देता कि मैं यह भुगतान लूं। दूसरी ओर इडुलजी ने पहली ही बैठक में कहा था कि वह भुगतान लेना चाहेंगी जबकि राय ने यह सलाह दी थी कि यदि अदालत की अनुमति हो तो उन्हें हर बैठक के लिए एक लाख रूपए दिए जाएं।

राय और इडुलजी को इस तरह अपने कार्यकाल के लिए 3.7 करोड़ रूपए मिलेंगे। इस साल फरवरी में समिति के तीसरे सदस्य बनाए गए रिटायर्ड लेफ्टिनेंट जनरल रवि थोडगे को 1.08 करोड़ रूपए मिलेंगे।