नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कांग्रेस की कथित ‘टूलकिट’ की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से कराने संबंधी याचिका सोमवार को खारिज कर दी। साथ ही इस तरह की याचिकाओं से न्यायालय का समय जाया करने को लेकर नाराजगी भी जतायी।
न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एमआर शाह की खंडपीठ ने अधिवक्ता शशांक शेखर झा की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी, यदि आपको टूलकिट पसंद नहीं है, तो इसे अनदेखा करें।
याचिकाकर्ता ने टूलकिट की जांच एनआईए से कराए जाने की मांग की थी, साथ ही यह भी कहा था कि इसमें राष्ट्र विरोधी कृत्य के सच पाये जाने पर कांग्रेस का पंजीकरण निलंबित किया जाए।
खंडपीठ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि संविधान के अनुच्छेद 32 के तहत इस तरह की मांग वाली याचिका पर कैसे विचार किया जा सकता है। न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि यदि आपको टूलकिट पसंद नहीं है, तो इसे अनदेखा करें। उन्होंने झा से पूछा कि क्या न्यायालय राजनीतिक प्रचार के रूपों को नियंत्रित कर सकता है।