नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले गठबंधन सरकार को बर्खास्त करने तथा वहां राष्ट्रपति शासन लगाये जाने संबंधी जनहित याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी।
मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने विक्रम गहलोत की याचिका यह कहते हुए खारिज कर दी कि एक अभिनेता की मौत होने का मतलब यह नहीं है कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो गई है।
न्यायमूर्ति बोबडे ने याचिकाकर्ता से कहा कि बतौर नागरिक वह राष्ट्रपति से संपर्क करने और कोई भी अर्जी लगाने के लिए स्वतंत्र हैं। उन्होंने कहा कि यदि ऐसी ही मांग करनी है तो राष्ट्रपति के पास जाइए।
याचिका में कहा गया था कि महाराष्ट्र में राज्य मशीनरी फेल हो गई है। सत्ताधारी दल अपराधियों को बचाने का काम कर रहा है। याचिका में बॉलीवुड अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत, अभिनेत्री कंगना रनौत का घर तोड़ डालने और धमकी देने तथा पूर्व नौसेना अधिकारी मदन लाल शर्मा पर शिवसैनिकों द्वारा जानलेवा हमले के उदाहरण भी दिए गए थे।