नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने बिहार के भारतीय जनता पार्टी विधायक राज किशोर केसरी की हत्या के जुर्म में उम्र कैद की सजा काट रहे एक व्यक्ति को बेटी की शादी में शामिल होने के लिए बुधवार को 15 दिन के पैरोल पर रिहा करने का आदेश दिया।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने याचिकाकर्ता रूपम पाठक की 15 दिन की पैरोल की अर्जी स्वीकार करते हुए उसे उस अवधि के बाद आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। पाठक बिहार के पूर्णिया के तत्कालीन भाजपा विधायक केसरी की हत्या के जुर्म उम्रकैद की सजा जेल में काट रहा है।
याचिका पर सुनवाई के दौरान केंद्रीय जांच ब्यूरो का पक्ष रख रहे अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने पैरोल याचिका का विरोध नहीं किया। राजू ने कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से दी गई जानकारी के आधार पर हमने सत्यापित करवा लिया है कि उसकी बेटी की शादी होनी है। इस मामले में पैरोल की इजाजत दी जा सकती है।
आमतौर पर इस प्रकार की याचिकाओं का विरोध करने वाली सीबीआई द्वारा इस मामले में अलग रुख अपनाने पर न्यायमूर्ति रमन ने कहा कि ओह! मिस्टर राजू, आपने (सीबीआई) पहली बार विचार किया है।