नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के खिलाफ एक महिला की ओर से लगाया गया यौन प्रताड़ना का मामला शनिवार को सुनवाई के लिए दूसरी पीठ के सुपुर्द कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि इस मामले की सुनवाई दूसरी पीठ में होगी। तीन सदस्यीय पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना थे।
न्यायालय ने उन मीडिया रिपोर्टों पर संज्ञान लेते हुए मामले की सुनवाई की, जिनमें एक महिला (मुख्य न्यायाधीश की पूर्व सहायक) की ओर से मुख्य न्यायाधीश पर यौन प्रताड़ना के लगाए गए आरोपों का विवरण दिया गया था।
सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस मामले में न्यायालय कहा कि यह गंभीर मामला है और सार्वजनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण भी है। शीर्ष अदालत ने संबंधित आरोपों के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया लेकिन मीडिया को न्यायपालिका की स्वतंत्रता के संरक्षण के लिए संयम बरतने को कहा है।
शिकायतकर्ता महिला सुप्रीमकोर्ट में मई 2014 से कनिष्ठ न्यायालय सहायक के पद पर कार्यरत थी और 21 दिसम्बर 2018 को उसकी सेवाएं अनौपचारिक ढंग से समाप्त कर दी गई। महिला ने अपने शपथ पत्र में काफी आक्रोश जताते हुए आरोप लगाया कि मुझे काफी यौन प्रताड़ता दी गई। बहुत प्रताड़ित किया गया।
इसके अलावा मेरे पति और उनके भाई को भी दिल्ली पुलिस में हेड कांस्टेबल के पद से निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही मेरे पति के एक अन्य भाई को उच्चतम न्यायालय की ग्रुप डी की नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया।