नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने त्रिपुरा में राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को अद्यतन किए जाने तथा अवैध तरीके से रह रहे विदेशी नागरिकों को प्रत्यर्पित करने संबंधी जनहित याचिका पर सोमवार को केंद्र सरकार एवं निर्वाचन आयोग से जवाब तलब किया।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायाधीश संजय किशन कौल और न्यायाधीश केएम जोसेफ की पीठ ने त्रिपुरा पीपल्स फ्रंट (टीपीएफ) की याचिका पर केंद्र सरकार और निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी करके जवाबी हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया।
न्यायाधीश गोगोई ने इस याचिका को असम के एनआरसी संबंधी मामले के साथ नत्थी करने का आदेश दिया।
इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता के एन चौधरी एवं वकील मनीष गोस्वामी ने दलील दी कि बांग्लादेश की ओर से अवैध घुसपैठ की समस्या असम की तुलना में त्रिपुरा में अधिक है।
उन्होंने दलील दी कि त्रिपुरा के लिए एनआरसी 1951 में तैयार की गई थी और अब एक बार फिर इसे अद्यतन करने की आवश्यकता आन पड़ी है। इससे अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान हो सकेगी एवं उन्हें प्रत्यर्पित करने का रास्ता साफ होगा।
अवैध प्रवासी बांग्लादेशियों के कारण त्रिपुरा की सामाजिक-आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक एवं सामाजिक-राजनीतिक संतुलन बिगड़ रहा है और इसे ठीक किया जाना जरूरी है। उनकी दलीलें सुनने के बाद न्यायालय ने केंद्र और चुनाव आयोग से जवाब तलब किया।