जयपुर। राजस्थान में बजरी खनन पर लगी रोक आखिरकार लंबे समय बाद हट गई है। सुप्रीमकोर्ट ने अपने सुरक्षित रखे निर्णय में एम्पावर्ड कमेटी की सभी तरह की सिफारिशों को मानते हुए वैद्य खनन गतिविधियों को मंज़ूरी दे दी। न्यायालय के इस बहुप्रतीक्षित फैसले का प्रदेशवासियों को लंबे समय से इंतजार था जो अब फैसले के बाद राहत मिल गई।
प्रदेश की 82 बड़ी बजरी लीज़ को फिर से शुरू किए जाने से जुड़ी एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने ये महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। बजरी खनन पर से रोक हटाने के बाद अब करीब चार साल के बाद बजरी खनन की गतिविधियां फिर से शुरू हो सकेंगी।
गौरतलब है कि उच्चतम न्यायालय में दीपावली पूर्व 26 अक्टूबर को बजरी खनन मामले पर सुनवाई हुई थी। उस दौरान न्यायालय ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
बजरी खनन पर उच्चतम न्यायालय द्वारा रोक लगाए जाने के बाद बजरी वेलफेयर ऑपरेटर सोसाइटी के प्रदेशाध्यक्ष नवीन शर्मा की ओर से उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर करते हुए राहत की गुहार लगाई थी।
वहीं राज्य सरकार ने भी अपना पक्ष रखा था। प्रदे्श सरकार ने न्यायालय से खनन पर रोक हटाने की गुहार लगाते हुए वैध बजरी खनन को लेकर अपनी प्रतिबद्धता जताई थी।