नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग की अयोग्यता अवधि कम करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर सोमवार को नोटिस जारी किया।
मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पीठ ने सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट के उपाध्यक्ष जेबी डरनाल द्वारा दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद नोटिस जारी किया। याचिका में तमांग के मुख्यमंत्री की नियुक्ति और उनकी अयोग्यता की अवधि को छह साल से घटाकर एक साल करने के फैसले को चुनौती दी गई है।
याचिकाकर्ता जेबी डरनाल चुनाव आयोग के 29 सितंबर 2019 के फैसले को चुनौती दी है। याचिका में सवाल उठाए गए हैं कि क्या न्यायिक आदेश ऊपर चुनाव आयोग कोई फैसला दे सकता है?
याचिकाकर्ता ने चुनाव आयोग के इस फैसले को कानून की अनदेखी तथा अपने अधिकार का दुरुपयोग बताते हुए इसे रद्द करने का आदेश देने की गुहार उच्चतम न्यायालय से लगाई है।
पीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि इस याचिका से कुछ कानूनी सवाल जुड़े हुए हैं। इस मामले में वह छह सप्ताह बाद अगली सुनवाई करेगी। न्यायमूर्ति रमना ने कहा कि हम नोटिस केवल इसलिए जारी कर रहे हैं, क्योंकि इसमें कानून का सवाल शामिल है। शीर्ष अदालत ने याचिकाकर्ता से भी यह स्पष्टीकरण देने को कहा है कि आखिर वह एक ही मुद्दे पर अलग-अलग जगहों पर क्यों याचिकाएं दायर की हैं।