नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम (P Chidambaram) की जमानत याचिका पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बुधवार को नोटिस जारी किए।
न्यायमूर्ति आर भानुमति की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने चिदम्बरम की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल और अभिषेक मनु सिंघवी की दलीलें सुनने के बाद ईडी को नोटिस जारी करके जवाब तलब किया।
न्यायलय ने मामले की सुनवाई के लिए 26 नवंबर की तारीख मुकर्रर की है और ईडी को उससे पहले तक जवाब सौंपने को कहा है।
सुनवाई के दौरान सिब्बल और सिंघवी ने दलील दी कि चिदम्बरम पिछले 91 दिनों से हिरासत में हैं। लेकिन उन्हें जमानत पर रिहा नहीं किया जा रहा है। इसके बाद न्यायालय ने ईडी को नोटिस जारी किया और मामले की सुनवाई 26 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। ईडी को उससे पहले जवाब सौंपना होगा।
चिदम्बरम ने दिल्ली उच्च न्यायालय के 15 नवंबर के उस फैसले के खिलाफ चुनौती दी है जिसमें उसने पूर्व केंद्रीय मंत्री की जमानत याचिका निरस्त कर दी थी। इससे पहले, चिदंबरम ने कहा है कि दिल्ली उच्च न्यायालय का जमानत अर्जी रद्द करने का फैसला गलत है। उच्च न्यायालय ने गत 15 नवंबर को कांग्रेस नेता पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में बड़ा झटका दिया था, जब उसने ईडी से जुड़े मामले में उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था।
सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के समक्ष गत सोमवार को मामले का विशेष उल्लेख किया था, जिसने कहा था कि वह इस अपील पर मंगलवार या बुधवार को सुनवाई करेगी।
बता दें, चिदंबरम को भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई ने 21 अगस्त को गिरफ्तार किया था और 22 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। 16 अक्टूबर को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी द्वारा गिरफ्तार किए गए चिदंबरम, वर्तमान में ट्रायल कोर्ट के आदेश के तहत 27 नवंबर तक न्यायिक हिरासत में हैं।