नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने राफेल मामले में सुप्रीमकोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के बयान को गैरजिम्मेदार व्यक्ति की शर्मनाक टिप्पणी बताते हुए कहा है कि उनके अहंकार, विरासत के प्रति दंभ और संस्थाओं के प्रति असम्मान का प्रमाण है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केन्द्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने गांधी के संवाददाता सम्मेलन के बाद प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए यहां भाजपा मुख्यालय में एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि गांधी करीब डेढ़ साल से देश के सामने एक झूठ परोस रहे थे। उन्होंने देश के ईमानदार एवं लोकप्रिय प्रधानमंत्री पर बहुत शर्मनाक टिप्पणियां की।
उच्चतम न्यायालय के निर्णय से उनका झूठ बेनकाब हो गया। हम उम्मीद करते थे कि वह इस निर्णय को विनम्रता से स्वीकार करेंगे, लेकिन उनके अहंकार, विरासत के प्रति दंभ और संस्थाओं के प्रति असम्मान की भावना प्रकट हुई। प्रसाद ने कहा कि गांधी ने उच्चतम न्यायालय पर टिप्पणी करके गैरजिम्मेदारी की हदें पार कर लीं।
उन्होंने सवाल किया कि क्या गांधी या कांग्रेस पार्टी देश की सर्वोच्च अदालत से भी बड़ी है। उन्होंने कहा कि गांधी की भाषा, शब्द और भावभंगिमाएं स्तरहीन हैं जिसकी भाजपा कड़ी भर्त्सना करती है। यह देश की राजनीति में नई गिरावट आई है।
उन्होंने कहा कि गांधी ने राफेल सौदे को लेकर जो भी बातें कहीं हैं। उसे अदालत में उनके साथी वकीलों ने उठाया था लेकिन अदालत ने हर मानक पर उनकी दलीलों को गलत ठहराया है और यह भी कहा है कि अनिल अंबानी की रिलायंस को ऑफसेट पार्टनर बनाने की बात 2012 से ही शुरू हो चुकी थी।
उन्होंने कहा कि गांधी बताएं कि 2006 से 2014 तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंंधन के शासनकाल में जब डसाॅल्ट एविएशन की निविदा सबसे कम कीमत की सामने आई तो फिर यह सौदा क्यों फाइनल नहीं किया गया जबकि इस पर 74 बैठकें हुईं थीं। आखिर वे कौन सी ताकतें थीं जो सौदे को रोक रहीं थीं।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने राफेल के 36 पूरी तरह से तैयार विमान खरीदने का सौदा किया था जिसमें देश में विमान बनाने की अभी कोई बात नहीं जुड़ी है। इसलिए रिलायंस को विमान बनाने का ठेका देने की कोई बात ही नहीं है। अदालत ने गांधी को यह भी संदेश दे दिया है कि उनके अहम की तुष्टि के लिए वह कोई जांच नहीं करेगा।
प्रसाद ने कहा कि गांधी के बयान को पाकिस्तान में सराहा जाता है। चीन और पाकिस्तान की वायुसेना चौथी और पांचवी पीढ़ी के युद्धक विमानों को शामिल किया गया है। वहां गांधी के बयानों को इस दृष्टि से देखा जा रहा है भारत कैसे पीछे हो, इस पर चर्चा हो रही है।
कांग्रेस द्वारा संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग के बारे में पूछे जाने पर श्री प्रसाद ने कहा कि गांधी ने चुनाव आयोग, नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक, इलैक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश तक करीब करीब सभी संस्थाओं पर हमला किया है।
टूजी मामले में उन्होंने सीएजी पर जो कुछ कहा था, वह सबको याद है लेकिन आज उनके बोल बदल गए हैं। जिस तरह की भाषा का प्रयोग राहुल ने प्रधानमंत्री के खिलाफ किया है वह किसी भी राष्ट्रीय पार्टी के अध्यक्ष को शोभा नहीं देती है।