नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण रोकने में नाकाम रहने पर पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के मुख्य सचिवों को शुक्रवार को तलब किया। न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने सभी मुख्य सचिवों को आगामी 29 नवम्बर को पेश होने का आदेश दिया। न्यायालय ने सभी को अपने पिछले आदेश के अनुपालन संबंधी रिपोर्ट 25 नवंबर तक दाखिल करने का आदेश दिया।
खंडपीठ ने कहा कि केवल कार पर ऑड ईवन पर रोक लगाने से काम नही चलेगा, क्योंकि ये इतना प्रभावी नहीं हैं। यह सिर्फ़ मिडिल क्लास पर प्रभाव डालता है जबकि अमीरों के पास हर नंबर की कार है।
न्यायालय ने कहा कि जिन देशों में ऑड ईवन लागू है वहाँ सार्वजनिक वाहन व्यवस्था काफ़ी मजबूत और फ्री है, लेकिन यहाँ ऐसा नहीं है।
न्यायालय ने केंद्र से दिल्ली में जगह जगह एयर प्यूरीफायर टावर लगाने पर विचार करने को कहा। शीर्ष अदालत ने कहा कि आपने ऑड ईवन के दौरान केवल कार को चुना गया जबकि दूसरे वाहन ज्यादा प्रदूषण फैला रहे हैं।
इस बीच केन्द्रीय प्रदूषण बोर्ड ने अदालत को अवगत कराया कि उसके अध्ययन के मुताबिक ऑड ईवन से कोई ज़्यादा फायदा नहीं हुआ, जबकि दिल्ली सरकार ने ऑड ईवन का बचाव करते हुए कहा कि इससे 5-15 प्रतिशत प्रदूषण घटा है।