नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने गोवा में कांग्रेस के 10 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी याचिका की सुनवाई फरवरी तक के लिए सोमवार को स्थगित कर दी।
गोवा कांग्रेस अध्यक्ष गिरीश चोडणकर ने इन बागी विधायकों को दल-बदल कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने के मामले में विधानसभा अध्यक्ष को दिशानिर्देश जारी करने की मांग की है।
चोडणकर की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे, न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम की खंडपीठ के समक्ष दलील दी कि भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए कांग्रेस के बागी विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी याचिका 2019 में दायर की गई थी और करीब डेढ साल बीत जाने के बाद भी गोवा विधानसभा अध्यक्ष ने कोई फैसला नहीं किया है।
सिब्बल ने कहा कि 11 अगस्त 2020 को याचिका की सुनवाई दो सप्ताह बाद करने का सुप्रीम कोर्ट रजिस्ट्री को निर्देश जाने के बाद भी याचिका लंबे समय तक सूचीबद्ध नहीं की गई। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने सिब्बल की इस दलील का पुरजोर विरोध किया।
इस बीच खंडपीठ ने कहा कि याचिका सूचीबद्ध नहीं होने के पीछे कोई निहित स्वार्थ नहीं है। न्यायालय ने मामले की सुनवाई फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी।