नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के पुत्र कार्ति चिदम्बरम की विदेश यात्रा की अनुमति संबंधी याचिका पर त्वरित सुनवाई से बुधवार को इन्कार कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने यह कहते हुए त्वरित सुनवाई का अनुरोध ठुकरा दिया कि उसके पास और भी महत्वपूर्ण मामले हैं। जब कार्ति की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता के वी विश्वनाथन ने खंडपीठ के समक्ष मामले का विशेष उल्लेख किया, तो न्यायमूर्ति गोगोई ने कहा, “आप कार्ति चिदम्बरम की बात कर रहे हैं? उन्हें वहीं रहने दीजिए जहां वह हैं। हमारे पास और भी महत्वपूर्ण कार्य हैं।”
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि खंडपीठ की रुचि कार्ति के अनुरोध पर विचार करने में नहीं है। उन्होंने कहा, “कारण सहित याचिका दायर करें। अभी साढ़े दस बजे हैं, और आपकी बारी नहीं आयी है।”गौरतलब है कि कार्ति ने विदेश जाने की अनुमति संबंधी याचिका गत वर्ष नवम्बर में ही दायर की थी, लेकिन उन्हें विदेश जाने की अनुमति अभी नहीं मिली है। वह एयरसेल-मैक्सिस सौदा मामले में आरोपी हैं और इसमें सीबीआई एवं प्रवर्तन निदेशालय की जांच जारी है।