नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण फैसले में व्यवस्था दी कि भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) का दफ्तर आरटीआई कानून के दायरे में आता है।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एन वी रमन की संविधान पीठ ने आज यह फैसला संविधान के अनुच्छेद 124 के तहत लिया।
न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि आरटीआई के तहत जवाबदारी से पारदर्शिता और बढ़ेगी। इससे न्यायिक स्वायत्तता, पारदर्शिता मजबूत होगी।
संविधान पीठ ने कहा कि इससे मज़बूती मिलेगी कि कानून से ऊपर कोई नहीं है। न्यायालय ने फैसले में यह कहा है कि सीजेआई ऑफिस एक पब्लिक अथॉरिटी है। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा कि सभी जज आरटीआई के दायरे में आएंगे।