नई दिल्ली। स्पॉट फिक्सिंग मामले में भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को चुनौती देते हुए पूर्व क्रिकेटर एस श्रीसंत ने याचिका दायर की, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को बीसीसीआई से जवाब मांगा।
मामले की सुनवाई करते हुए प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड की पीठ ने बीसीसीआई को जवाब देने के लिए चार सप्ताह का समय दिया है।
न्यायालय ने बीसीसीआई के जवाब पर प्रतिक्रिया देने के लिए श्रीसंत को भी चार सप्ताह का समय दिया। वरिष्ठ वकील पैराग त्रिपाठी ने बीसीसीआई की ओर से नोटिस स्वीकार किया।
श्रीसंत की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने कहा कि साक्ष्यों के अभाव में निचली अदालत ने पूर्व क्रिकेटर को बरी कर दिया है और ऐसा होने के बाद भी उन पर आजीवन प्रतिबंध लगाना न्यायोचित नहीं है।