नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाओं को रोकने को लेकर केंद्र और राज्य सरकारों को सोमवार को नोटिस जारी किया।
बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाओं को रोकने को लेकर सरकार पर निष्क्रियता बरतने का अरोप लगाते हुए एक वकील ने जनहित याचिका दाखिल की थी जिस पर सुनवाई करते हुए शीर्ष न्यायालय ने केंद्र और सभी राज्यों को नोटिस जारी किया।
उच्चतम न्यायालय के वकील जीएस मणि ने तमिलनाडु में सुजीत विल्सन की मौत से संबंधित घटना का उल्लेख करते हुए जनहित याचिका दाखिल की थी।
न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और एमआर शाह की पीठ ने जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार, गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को देश भर में बोरवेल में गिरकर होने वाली मौतों के खिलाफ नाेटिस जारी किया।
मणि ने खुले बोरवेल में बच्चों के गिरने की घटनाओं को रोकने के मामले में निष्क्रियता बरतने को लेकर केंद्र और सभी राज्यों के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध करते हुए उच्चतम न्यायालय में याचिका दाखिल की थी।
शीर्ष न्यायालय ने बोरवेल में गिरकर होने वाली मौतों को लेकर 2010 में उसकी तरफ से जारी 16 दिशानिर्देशों के अनुसार की गई कार्रवाई पर केंद्र, राज्य और केंद्रशासित प्रदेशों से विस्तृत जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद होगी।