नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट ने आगामी पर्वों के दौरान पश्चिम बंगाल में पटाखों के इस्तेमाल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने संबंधी कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को सोमवार को रद्द कर दिया।
न्यायाधीश एएम खानविलकर और न्यायाधीश अजय रस्तोगी की अध्यक्षता वाली पीठ ने अपने फैसले में कहा कि शीर्ष न्यायालय ने पूर्व में ग्रीन पटाखों के इस्तेमाल की अनुमति दी थी और यह आदेश सभी राज्यों में समान रूप से लागू होगा और पश्चिम बंगाल अपवाद नहीं हो सकता।
न्यायमूर्ति खानविलकर ने कहा कि हमें लगता है कि यदि उच्च न्यायालय पूर्ण प्रतिबंध ही लगाना चाहता है, तो सभी पक्षों को न्यायोचित ठहराने के लिए बुलाया जाना चाहिए था। पश्चिम बंगाल सरकार ने पीठ को बताया किया कि अधिकारी शीर्ष न्यायालय के पूर्व के आदेशों को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठा रहे हैं।
कलकत्ता उच्च न्यायालय ने इस साल काली पूजा, दिवाली, छठ पूजा, जगधात्री पूजा, गुरु नानक जयंती, क्रिसमस और और नए साल की पूर्व संध्या के दौरान पटाखों के उपयोग पर 29 अक्टूबर को ग्रीन पटाखे समेत सभी तरह के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था।
न्यायमूर्ति सब्यसाची भट्टाचार्य और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध रॉय की अध्यक्षता वाली कलकत्ता उच्च न्यायालय की पीठ ने पिछले सप्ताह पुलिस को कड़ी निगरानी रखने और यह सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए थे कि उत्सव के दौरान किसी प्रकार के पटाखों की बिक्री, खरीद या उपयोग न हो।
पटाखा निर्मातओं के संघ ‘सारा बंगला अतिशबाज़ी उन्नयन समिति’ के अध्यक्ष गौतम रॉय और अन्य ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष न्यायालय में विशेष अनुमति याचिका दायर की थी।