नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने वर्ष 2015 के मेहसाणा (गुजरात) दंगा मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल की सजा पर मंगलवार को अंतरिम रोक लगा दी। न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ की खंडपीठ ने संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पटेल की अपील पर सुनवाई पूरी होने तक उनकी सजा पर रोक लगा दी।
वर्ष 2015 में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पटेल के नेतृत्व में हुए आंदोलन के दौरान कथित रूप से हिंसा हुई थी। घटना में गुजरात की सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के एक विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ हुई थी।
इस मामले में निचली अदालत ने कांग्रेस युवा नेता हार्दिक पटेल को आगजनी, दंगा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और गैरकानूनी तरीके से इकत्र होने जैसे अपराध के लिए दोषी ठहराया था।
पटेल ने निचली अदालत के इस फैसले पर रोक लगाने की गुजरात उच्च न्यायालय से गुहार लगाई थी, लेकिन न्यायालय ने राहत देने से इनकार कर दिया था। उच्च न्यायालय से याचिका को खारिज होने के बाद वह वर्ष 2019 का चुनाव नहीं लड़ पाए थे। सर्वोच्च अदालत से राहत मिलने के बाद पटेल के चुनाव लड़ने की कानूनी अड़चनें फिलहाल दूर हो गई हैं।