नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल आवास उद्योग नियमन कानून 2017 को रद्द कर दिया और कहा कि यह असंवैधानिक है और केन्द्र के रियल इस्टेट (नियमन एवं विकास), कानून 2016 के प्रतिकूल है।
पश्चिम बंगाल के इस कानून को रद्द करते हुए न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड और एमआर शाह ने कहा कि राज्य के कानून ने संसद के अधिकार क्षेत्र का अतिक्रमण किया है।
पीठ ने कहा कि यह कानून पश्चिम बंगाल के घर खरीदारों के हितों को शामिल करने में असफल रहा है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि इस आदेश के पहले इस कानून के तहत लगाए गए सभी प्रतिबंध और पंजीकरण बरकरार रहेंगे।
घर खरीदारों के संगठन पीपुल्स कलेक्टिव एफर्ट्स की ओर से दाखिल की गई याचिका पर उच्चमत न्यायालय ने यह फैसला सुनाया।