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रोडरेज केस : नवजोत सिद्धू को सजा या बरी, मंगलवार को फैसला
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रोडरेज केस : नवजोत सिद्धू को सजा या बरी, मंगलवार को फैसला

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रोडरेज केस : नवजोत सिद्धू को सजा या बरी, मंगलवार को फैसला
supreme court to pronounce judgment in 1998 road rage case against Navjot Sidhu
supreme court to pronounce judgment in 1998 road rage case against Navjot Sidhu

नई दिल्ली। सुप्रीमकोर्ट 1988 के पटियाला रोडरेज मामले में पंजाब के कैबिनेट मंत्री एवं पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिं‍ह सिद्धू और उनके साथी रुपिंदर सिंह सिद्धू की अपील पर मंगलवार को फैसला सुनाएगा।

न्यायाधीश जस्ती चेलमेश्वर और न्यायाधीश संजय किशन कौल की पीठ ने गत 18 अप्रेल को इस मामले में सभी संबंधित पक्षों की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।  सुनवाई के दौरान सिद्धू की ओर से पेश वकील आर एस चीमा ने पंजाब सरकार के वकील द्वारा सिद्धू को हत्‍या का दोषी बताए जाने का विरोध किया था।

सर्वोच्च न्यायालय  यह फैसला सुनाएगा कि सिद्धू की सजा बरकरार रहेगी या नहीं। इस मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने पूर्व क्रिकेटर को तीन साल की सजा सुनाई थी। इस मामले पर पूरे देश की नजरें टिक गई हैं।

गत 12 अप्रेल को हुई सुनवाई के दौरान सिद्धू को उस वक्त करारा झटका लगा था, जब राज्य सरकार ने पूर्व क्रिकेटर को रोडरेज की घटना में दोषी बताया था।

पंजाब सरकार के वकील ने कहा था कि वर्ष 2006 में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय से सिद्धू को मिली सजा को बरकरार रखा जाए। राज्य सरकार के वकील ने कहा था कि इस मामले में शामिल नहीं होने का सिद्धू का बयान झूठा था।

उल्लेखनीय है कि सिद्धू के ख़िलाफ़ ग़ैर-इरादतन हत्या का मामला है। पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनाई थी। इसके बाद सिद्धू ने सजा के खिलाफ शीर्ष अदालत में अपील की थी, जिस पर फैसला आना है।

वर्ष 1988 में सिद्धू का पटियाला में कार से जाते समय गुरनाम सिंह नामक बुजर्ग व्‍यक्ति से झगड़ा हो गया था। आरोप है कि उनके बीच हाथापाई भी हुई और बाद में गुरनाम सिंह की मौत हो गई। इसके बाद पुलिस ने सिद्धू और उनके दोस्‍त रुपिंदर सिंह सिद्धू के खिलाफ गैर-इरादतन हत्‍या का मामला दर्ज किया। बाद में निचली अदालत ने सिद्धू को बरी कर दिया था।