नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने आज चौकीदार चोर है, सबरीमाला और राफेल सौदा मामलों में फैसला सुनाया है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ जहां सुप्रीम कोर्ट ने चौकीदार चोर है वाले बयान पर अवमानना का मामला समाप्त किया, वहीं राफेल पर पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। इनके अलावा सबरीमाला पर फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने इसे बड़ी बेंच को सौंप दिया है। सबरीमाला मामले में पूर्व के फैसला फिलहाल लागू रहेगा।
राहुल को माफी
उच्चतम न्यायालय ने ‘चौकीदार चोर है’ वाले बयान में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को आपराधिक अवमानना के मामले में गुरुवार को राहत प्रदान की। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने गांधी का माफीनामा स्वीकार करते हुए उनके खिलाफ अवमानना का मामला समाप्त कर दिया।
पीठ की ओर से न्यायमूर्ति कौल ने फैसला पढ़ते हुए कहा कि गांधी का बयान दुर्भाग्यपूर्ण है। न्यायालय ने कहा, “राहुल गांधी को बयान देते समय सतर्क रहना चाहिए था।”
गांधी पर आरोप था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने के लिए राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में शीर्ष अदालत के फैसले को तोड़मरोड़ कर पेश किया, जिससे कोर्ट की अवमानना हुई है। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी ने कांग्रेस नेता के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दर्ज किया था।
सबरीमाला मामला वृहद पीठ के सुपुर्द
उच्चतम न्यायालय ने मंदिरों, मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश के व्यापक मसले को गुरुवार को वृहद पीठ के सुपुर्द कर दिया।
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति रोहिंगटन फली नरीमन, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति इंदु मल्होत्रा की संविधान पीठ ने 3:2 के बहुमत का फैसला सुनाया।
संविधान पीठ ने धार्मिक स्थलों में महिलाओं के प्रवेश जैसे व्यापक मसले को सात न्यायाधीशों की संविधान पीठ के सुपुर्द कर दिया।
इस बीच पीठ ने कहा कि सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश के संबंध में पूर्व का फैसला वृहद पीठ का अंतिम निर्णय आने तक बरकरार रहेगा। इस मामले में न्यायमूर्ति नरीमन और न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने फैसले से असहमति जताई और अलग से अपना फैसला सुनाया।
राफेल मामले में पुनर्विचार याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में खारिज
उच्चतम न्यायालय ने राफेल लड़ाकू विमान सौदा मामले में अपने फैसले पर पुनर्विचार से गुरुवार को इंकार कर दिया। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने केंद्र सरकार को क्लीन चिट देने के अपने निर्णय के खिलाफ दायर सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी।
गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने गत वर्ष 14 दिसंबर को अपना फैसला सुनाया था और सौदे की स्वतंत्र जांच कराने की मांग ठुकरा दी थी।
पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी तथा जाने माने वकील प्रशांत भूषण समेत कुछ अन्य ने फैसले पर पुनर्विचार के लिए याचिकाएं दायर की थी।
इसी से जुड़े एक अन्य मामले में पीठ ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला समाप्त कर दिया।
पीठ ने राजनीतिक रूप से संवेदनशील इन पुनर्विचार याचिकाओं पर 10 मई को सुनवाई पूरी की थी और फैसला सुरक्षित रख लिया था। पीठ की ओर से न्यायमूर्ति कौल ने फैसला पढ़ा।