सूरत। गुजरात के सूरत हवाई अड्डे को जल्द ही विधिवत अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा मिल सकता है। सूरत की सांसद दर्शनाबेन जरदोश और नवसारी के सांसद सीआर पाटिल ने शनिवार को पत्रकारों को यह जानकारी देते हुए बताया कि इस संबंध में अगले सप्ताह तक अधिसूचना जारी हो जाएगी।
ज्ञातव्य है कि अगर ऐसा होता है तो गुजरात का यह तीसरा सबसे व्यस्त हवाई अड्डा (अहमदाबाद और वडोदरा के बाद), राज्य का दूसरा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा (अहमदाबाद के बाद) बनेगा। वडोदरा में अंतर्राष्ट्रीय टर्मिनल का उहोने के बावजूद यह अभी तक विधिवत अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा नहीं बना है।
सूरत एयरपोर्ट एक्शन कमिटी समूह के अध्यक्ष संजय एझावा ने बताया कि हाल में सीमा शुल्क विभाग की एक टीम ने हवाई अड्डे का दौरा कर यहां अंतरराष्ट्रीय यात्रियों की जांच के लिए बनने वाले रेड और ग्रीन कार्पेट आदि का अवलोकन किया था और इसे और विस्तारित करने को कहा था।
ऐसा लगता है कि सूरत को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा मिलने के रास्ते में फिलहाल यही एक रूकावट है। इसके बाद यह भी नागपुर और पुणे जैसा कस्टम इंटरनेशनल एयरपोर्ट बन जायेगा। हालांकि इसे संपूर्ण रूप से एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा बनने के लिए अभी काफी विस्तार और अन्य सुविधाओं की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा कि हालांकि अभी इसका रनवे 2905 मीटर का है और इसका केवल एक ही तरफ यानी डुमस की तरफ से पूरा इस्तेमाल हो सकता है। वेसु क्षेत्र में ऊंची इमारतों के कारण उधर से ऐसा नहीं हो सकता।
पर यह अब भी एयरबस 321 जैसे विमानों का इस्तेमाल कर सकता है। एक बार इसे अंतरराष्ट्रीय दर्जा मिल जाए तो यहां से दुबई, बैंकाक और हांगकांग आदि के लिए उड़ाने छह हफ्ते में शुरू हो सकती हैं। एयर इंडिया और स्पाइसजेट आदि में इस दिशा में खासी रूचि भी दिखाई है।
उन्होंने कहा कि यहां मगदल्ला में स्थित वर्तमान हवाई अड्डे के पास विस्तार के लिए पर्याप्त भूमि भी है। जिला प्रशासन ने खासी भूमि अधिग्रहित भी की है पर इसे अब तक भारतीय विमानपत्तन प्राधिकार (एएआई) को नहीं सौंपा गया है।
हीरा नगरी के रूप में विख्यात गुजरात के इस दूसरे सबसे बड़े शहर से फिलहाल दिल्ली, मुंबई, गोवा, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद और अन्य शहरों के लिए तो उड़ाने हैं पर अंतरराष्ट्रीय उड़ानें अब भी यहां के निवासियों के लिए सपना है। इसके लिए लंबे समय से मांग उठती रही है।