नयी दिल्ली । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुुरेश प्रभु ने जापान से आटोमोबाइल, माल वाहक विमान और विनिर्माण के क्षेत्र में ज्यादा कारोबारी सहयोग तथा निवेश की मांग करते हुए जापानी कंपनियों को हरसंभव सहुलियत देने का आश्वासन दिया है।
प्रभु ने गुरुवार को सिंगापुर में जापान के वित्त, व्यापार और उद्योग मंत्री हीरोशिगे सेको के साथ एक बैठक में कहा कि जापान की कंपनियां पहले से ही भारत में मौजूद हैं और बेहतर कारोबार कर रही है। उन्होंने कहा कि जापानी कंपनियों को आटोमोबाइल और विनिर्माण क्षेत्र में और ज्यादा निवेश करना चाहिए तथा भारतीय कंपनियों के साथ कारोबारी सहयोग करना चाहिए।
उन्होेंने रक्षा उत्पादन क्षेत्र को विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) के लिए खोलने का जिक्र करते हुए कहा कि जापानी कंपनियों को भारत में माल वाहक विमानों के विनिर्माण क्षेत्र में उतरना चाहिए और सरकार की उदार नीतियों का लाभ उठाना चाहिए। श्री प्रभु ने कहा कि जापानी निवेश का बढ़ावा देने के लिए एकल खिड़की प्रणाली स्थापित की जाएगी। बैठक के दौरान जापान एवं भारत ने ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग पर सहमति व्यक्त की।
केंद्रीय मंत्री ने चिकित्सा सहायकों और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में भी जापान के सहयोग की पेशकश की जिसका जापानी मंत्री ने स्वागत किया। जापान ने भारतीय उद्याेगों में निवेश बढ़ाने का आश्वासन दिया है। प्रभु ने कहा कि सरकार सभी राज्यों में जापान के 12 नगर परियोजनाओं पर सहयोग करेगा।