नयी दिल्ली । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने युवाओं में उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप को आयकर में छूट देने की प्रक्रिया को सरल बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने मंगलवार को यहां बताया कि उद्याेग एवं घरेलू व्यापार प्रोत्साहन विभाग जल्दी ही इस संबंध में अधिसूचना जारी करेगा। इससे स्टार्टअप को आयकर अधिनियम की धारा ‘56(2) सप्तम् बी’ के तहत छूट मिलेगी।
नये कारोबारियों को पूंजी के संकट को देखते हुए लंबे समय से स्टार्टअप को आयकर में रियायत देने की मांग की जा रही है। हाल में युवा कारोबारियों, निवेशकों और संबद्ध विभागों की अधिकारियों की बैठक आयोजित की गयी थी। इस बदलाव के कारण स्टार्टअप की परिभाषा का विस्तार होगा और किसी भी नये उद्योग को दस वर्ष तक स्टार्टअप माना जाएगा। पहले यह अवधि सात वर्ष तक थी।
इसके अलावा किसी भी उद्योग को एक वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपए तक कारोबार करने तक स्टार्टअप माना जाएगा। पहले यह राशि 25 करोड़ रुपए थी। स्टार्ट अप को उस समय तक कर छूट मिलती रहेगी जब तक कंपनी 10 लाख रुपए से अधिक की पूंजीगत वस्तुएं नहीं खरीदती है या किसी अन्य कारोबार में निवेश नहीं करती है।