नयी दिल्ली । वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने गुरुवार को कहा कि सरकार कृषि क्षेत्र आधारित नयी कृषि निर्यात नीति तैयार कर रही है जिसे जल्दी ही जारी किया जायेगा।
प्रभु ने यहां कृषि एवं प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (अपेडा) और भारत-जर्मन वाणिज्य की ओर से जैविक उद्योग से संबंधित ‘बायोफेक इंडिया’ का उद्घाटन करते हुए कहा कि देश से 600 लाख टन कृषि उत्पादों का निर्यात किया जाता है जिनमें बागवानी फसलें भी शामिल हैं। इसके साथ ही जल्दी खराब हाेने वाले कृषि उत्पादों में कमी लाकर किसानों की आय दोगुनी करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। इसके साथ ही सरकार कृषि उत्पादों विशेषकर जैविक उत्पादों के निर्यात को बढावा देने का भी प्रयास कर री है।
उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न कृषि जलवायु क्षेत्रों के होने के कारण जैविक कृषि उत्पादों के अनेक किस्मों के निर्यात की प्रचुर संभावना है। लोगों के स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता और खान-पान की आदतों में बदलाव के कारण देश में और देश के बाहर बड़े पैमाने पर मांग बढ़ रही है और इस बाजार का लाभ उठाया जाना चाहिए।
सरकार देश में देश जैविक कृषि को बढ़ावा देने में जैविक कृषि उत्पाद कार्यक्रम क्रियान्वित कर रही है। इसके अलावा कई अन्य कार्यक्रम भी चलाये जा रहे हैं। वर्ष 2017.18 के दौरान तिलहन, गन्ना, मोटे अनाजों, बाजरा, फल और सब्जियोें समेत 15 लाख टन से अधिक प्रमाणित जैविक कृषि उत्पादों का उत्पादन किया गया था। इस दौरान 4.58 लाख टन का निर्यात किया गया था। अमेरिका यूरोपीय यूनियन, स्विटजरलैंड, कनाडा, आस्ट्रेलिया, जापान, न्यूजीलैंड, इजरायल, दक्षिण कोरिया, वियतनाम आदि देशों को जैविक उत्पादों का निर्यात किया जाता है। इस सम्मेलन में 15 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा ले रहे हैं।