नयी दिल्ली । भारत और रुस के बीच व्यापार और निवेश की व्यापक संभावनाओं का दोहन करने पर बल देते हुए केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने शुक्रवार को कहा कि दिल्ली- मुंबई औद्योगिक गलियारे (डीएमआईसी) में रुसी कंपनियों के लिये भी मौके तलाशे जाएगें।
प्रभु ने यहां भारत – रुस कारोबारी मंच की एक बैठक को संबोधित हुए कहा कि डीएमआईसी में रुसी कंपनियों के लिये भी स्थान तय किया जाएगा। पश्चिमी भारत के औद्योगिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डीएमआईसी को जापान के सहयोग से विकसित किया जा रहा है। यह गलियारा दिल्ली से मुंबई तक होगा जो दिल्ली, पश्चिमी उत्तरप्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र से गुजर रहा है।
यूरेशिया के साथ व्यापार की संभावनाओं पर उन्होेंने बताया कि दोनों पक्षों के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर बातचीत के लिये एक दल अगले वर्ष जनवरी में भारत आएगा। यह समझौते के विभिन्न पहलुओं पर व्यापक रुप से विचार विमर्श करेगा और सभी संबद्ध पक्षों से मिलेगा।
रुस और भारत के बीच निवेश और व्यापार का व्यापक संभावनाआें का उल्लेख करते हुए उन्हाेंने कहा कि इनके दोहन के लिये उचित, सरल और संतुलित प्रणली तैयार की जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि रुस की कंपनियों की सरलता के लिये एक प्रणाली तैयार करने का प्रयास हो रहा है जिसकी समस्याओं का समाधान से एकल खिड़की व्यवस्था से हो जाए।