मुंबई । भारत के रत्न और आभूषण क्षेत्र के लिए यह एक ऐतिहासिक दिन माना जाएगा, जब माननीय केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री सुरेश प्रभु ने एक शानदार समारोह में, रत्न और आभूषण क्षेत्र के लिए डोमेस्टिक काउंसिल का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की आर्थिक सलाहकार श्रीमती रूपा दत्ता, श्री प्रमोद कुमार अग्रवाल (संयोजक, नेशनल एड-हॉक कमेटी, डोमेस्टिक काउंसिल फॉर जेम्स एंड ज्वेलरी एंड चेयरमैन – जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) और एड-हाॅक कमेटी के सभी 14 प्रतिनिधि भी मौजूद रहे। माननीय मंत्री ने घोषणा की कि डोमेस्टिक काउंसिल 1 मई 2019 (मजदूर दिवस और महाराष्ट्र दिवस) तक निर्वाचित प्रतिनिधियों के साथ काम करना शुरू कर देगी।
इस अवसर पर उपस्थित होने वाले प्रमुख लोगों में श्री संजय काका पाटिल (सांसद), श्रीमती रूपा दत्ता (आर्थिक सलाहकार, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय), श्री सेंथिल नाथन (उप सचिव, केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय), श्री अनंत पद्मनाभन (अध्यक्ष, अखिल भारतीय रत्न और आभूषण डोमेस्टिक काउंसिल), श्री दुलीचंद करेल, (अध्यक्ष- भारतीय स्वर्णकार संघ, जयपुर), श्री मोहित भारतीय (आईबीजेए) और श्री राजेश खोसला (चेयरमैन-एसोसिएशन ऑफ गोल्ड रिफाइनरीज एंड मिंट्स, कोचीन) के नाम शामिल हैं।
रत्न और आभूषण क्षेत्र के लिए डोमेस्टिक काउंसिल के गठन के लिए, एक एड-हाॅक कमेटी बनाई गई है, जिसमें निम्नलिखित संघों के प्रतिनिधि शामिल हैंः अखिल भारतीय रत्न और आभूषण घरेलू परिषद-मुंबई, एसोसिएशन ऑफ गोल्ड रिफाइनरीज एंड मिंट्स (एजीआरएम)-कोचीन, बंगीय स्वर्ण शिल्पी समिति-कोलकाता, भारत डायमंड बोर्स (बीडीबी)-मुंबई, भारतीय स्वर्णकार संघ-जयपुर, जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी)-मुंबई, इमिटेशन ज्वेलरी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (आईजेएमए)-मुंबई, इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन (आईबीजेए)-मुंबई, इंडिया ज्वैलर्स फोरम (आईजेएफ)-अमृतसर, कर्नाटक ज्वैलर्स फेडरेशन-बैंगलोर, ओडिशा ज्वैलर्स एसोसिएशन-कटक, राजकोट जेम्स एंड ज्वैलरी एसोसिएशन-राजकोट, तमिलनाडु ज्वैलर्स फेडरेशन (टीएनजेएफ)- चेन्नई और उत्तर प्रदेश सर्राफा एसोसिएशन, कानपुर।
इस अवसर पर माननीय केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग और नागरिक उड्डयन मंत्री श्री सुरेश प्रभु ने कहा, ‘‘आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन है, क्योंकि आज भारत की रत्न और आभूषणों से संबंधित 5,000 साल पुरानी विरासत में एक नया अध्याय खुला है। रत्नों और आभूषणों के लिए डोमेस्टिक काउंसिल का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है और उद्योग को और अधिक संगठित और एकीकृत बनाने के लिए हमारी सरकार द्वारा किए गए कई संरचित सुधारों की एक श्रृंखला है।
हमने एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पालन किया है और विभिन्न भौगोलिक और उद्योग क्षेत्रों से प्रमुख ज्वैलर्स, निर्माताओं, खनिकों और कारीगरों के संघों को प्रतिनिधित्व दिया है। डोमेस्टिक काउंसिल देश के लिए और अधिक आर्थिक मूल्य सृजित करने के साथ वैश्विक बाजार के अवसरों को संबोधित करते हुए भारत के रत्न, सोने और आभूषण कारोबार की संस्कृति और लोकाचार का प्रतिनिधित्व करेगी। सरकार इसे बनाने और उद्योग को सुविधा प्रदान करने के बाद इंडस्ट्री को इसे सौंप देगी, ताकि इसे और आगे बढाया जा सके।”
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा, ‘‘डोमेस्टिक काउंसिल की शुरूआत दरअसल दशकों से किए जा रहे प्रयासों की परिणति है, जिसमें शिवरामन रिपोर्ट को प्रस्तुत करने के दिनों से लेकर हाल के दौर में नीति आयोग की रिपोर्ट तक के प्रयास शामिल हैं। एक पर्याप्त प्रतिनिधित्व वाली डोमेस्टिक काउंसिल ज्वैलर्स और कारीगरों के प्रमुख मुद्दों और मंत्रालय के समक्ष उनकी मांगों का प्रतिनिधित्व करने में मदद कर सकती है।‘‘
प्रमोद कुमार अग्रवाल (संयोजक, नेशनल एड-हॉक कमेटी, डोमेस्टिक काउंसिल फॉर जेम्स एंड ज्वेलरी एंड चेयरमैन – जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल) ने कहा, “हम भारतीय रत्न और आभूषण क्षेत्र के लिए घरेलू परिषद बनाने के सरकार के फैसले का स्वागत करते हैं। यह हमारे असंगठित और छोटे पैमाने पर आधारित घरेलू आभूषण उद्योग को व्यवस्थित करने और नई ऊंचाइयों तक पहुंचने में मदद करेगा। केंद्रीय मंत्री की परिकल्पना के अनुसार, संयोजक के रूप में मेरा प्रयास इस घरेलू परिषद को एक राष्ट्रीय निकाय बनाने के लिए आम सहमति बनाने का होगा, जो सभी के लिए काम करेगी और देश भर के छोटे और बड़े सभी संगठनों की उम्मीदों को पूरा करने के लिए काम करेगी।
जीजेईपीसी एक समावेशी, लोकतांत्रिक और स्थायी परिषद के गठन में सभी पक्षों की तरफ से मिले समर्थन और मार्गदर्शन के लिए उनकी आभारी है। उद्योग के लिए ‘एक आवाज-एक संगठन‘ का होना जरूरी है। डोमेस्टिक काउंसिल इस कारोबार में 3 मिलियन और अधिक रोजगार का सृजन और नए कारीगर तैयार करने में मदद करेगी।”
संयोग से, रत्न और आभूषण के लिए एक डोमेस्टिक काउंसिल का विचार पहली बार 2005-06 में तब सामने आया था जब पूरे रत्न और आभूषण क्षेत्र का अध्ययन करने के लिए शिवरामन समिति का गठन किया गया था और इसने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय वित्त मंत्रालय को सौंपी थी। अंततः केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय और फिर डीआईपीपी को जिम्मेदारी दी गई।
2017 में प्रधान मंत्री ने कहा कि रत्न और आभूषण मेक इन इंडिया का एक अच्छा उदाहरण है और उन्होंने यह इच्छा जताई कि ज्वैलर्स वैश्विक बाजार में हाथ से बने आभूषण बाजार में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाने की रणनीति के साथ आगे आएं। फरवरी 2018 में एक व्यापक स्वर्ण नीति की आवश्यकता पर अपनी रिपोर्ट में नीति आयोग के पैनल ने रत्न और आभूषण क्षेत्र के लिए समर्पित डोमेस्टिक काउंसिल की स्थापना का प्रस्ताव दिया था। और अब डोमेस्टिक काउंसिल का शुभारंभ कर दिया गया है।
इस सिलसिले में अब आगे के कार्यों में डोमेस्टिक काउंसिल के संविधान के निर्माण के साथ-साथ उसके चुनाव नियम और अन्य गतिविधियांे का संचालन करना शामिल हैं। जीजेईपीसी काउंसिल के निगमन के लिए इस संबंध में सभी प्रकार के समर्थन की पेशकश करेगा। संवैधानिक दस्तावेजों के साथ-साथ डोमेस्टिक काउंसिल के चुनाव नियमों के सभी प्रारूपण शीघ्र ही पूरे हो जाएंगे।
कोर समिति में निम्नलिखित सदस्य शामिल हैंः अध्यक्ष-रत्न और आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद, अध्यक्ष-अखिल भारतीय रत्न और आभूषण डोमेस्टिक काउंसिल, अध्यक्ष-भारतीय बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन लिमिटेड, अध्यक्ष-भारतीय स्वर्णकार संघ जयपुर और चेयरमैन-एसोसिएशन आॅफ गोल्ड रिफाइनरीज एंड मिंट्स, कोचीन। डोमेस्टिक काउंसिल एक समावेशी निकाय है और यह इस समुदाय के सभी सदस्यों के समर्थन के साथ आगे बढ़ेगा।