नयी दिल्ली । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने निर्यातकों और छोटे उद्योगों को प्राथमिकता के आधार पर उधार देने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली को एक पत्र लिखते हुये कहा है कि इस संबंध में बैंकों को विशेष निर्देश दिये जाने चाहिए।
प्रभु ने जेटली को लिखे एक पत्र में निर्यातकों के लिये उधारी में गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि इससे निर्यातकों और छोटे उद्योगों के लिये पूंजी का संकट पैदा हो गया है और निर्यातकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होेंने कहा कि निर्यातकों को दिये जाने वाले ऋण को प्राथमिक क्षेत्र में रखा जाना चाहिए। उधारी में कमी आने से निर्यातकों विशेषकर छोटे उद्योगों पर सीधा प्रभाव पड़ रहा है।
भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार इस वर्ष में 22 जून तक लंबित निर्यात उधारी 22 हजार 300 करोड़ रुपए रह गयी है जबकि इससे पिछले वर्ष 23 जून को यह आंकड़ा 39 हजार करोड़ रुपए था। इसके अलावा 30 मार्च 2018 को लंबित निर्यात उधारी 28 हजार 300 करोड़ रुपए दर्ज की गयी थी।