भोपाल । अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार पर किसान विरोधी होने का आरोप लगाते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में पिछले पांच साल में किसानों के आत्महत्या के मामले 21 फीसदी की दर से कैसे बढ़ गए।
आज यहां संवाददाताओं से चर्चा के दौरान सुरजेवाला ने कहा कि मध्यप्रदेश में किसानों की आत्महत्या से जुड़े आंकड़े लोकसभा में रखे गए हैं, यहां 2013 से अब तक हर साल किसानों की आत्महत्या के मामले 21 फीसदी बढ़ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि फसलों के दाम मांगने पर मध्यप्रदेश सरकार किसानों पर गोली चलवाती है। प्रदेश में प्याज खरीदी के नाम पर भी 11 सौ करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है।
सुरजेवाला ने कहा कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार ने पहले भी किसानों की 72 हजार करोड़ रुपए की एकमुश्त कर्जमाफी की है, मोदी सरकार ने करीब तीन लाख 17 हजार करोड़ उद्योगपति मित्रों की कर्जमाफी की तो गरीब किसानों से क्यों पल्ला झाड़ रहे हैं। कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मध्यप्रदेश मे कांग्रेस की सरकार बनने पर जनआयोग बनेगा और शिवराज सरकार के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार की जांच करते हुए कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा उन्होंने किसानों के एकमुश्त कर्जमाफी और खेती को मुनाफे का धंधा बनाने के लिए कदम उठाने का भी दावा किया।
सुरजेवाला ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि 2014 में जब केंद्र में भाजपा सरकार आई तब गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) दो लाख 73 हजार करोड़ रुपए थीं, जो अब 12 लाख करोड़ रुपए हैं। मध्यप्रदेश में कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के बीच गठबंधन नहीं होने का ठीकरा उन्होंने बसपा पर फोड़ते हुए कहा कि कांग्रेस ने अब तक मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ और राजस्थान जैसे प्रदेशों में अब तक चुनाव अकेले ही लड़ा है, गठबंधन के लिए चुनावी गणित में जीतने की संभावना, जनाधार और प्रदर्शन को देखा जाता है। सीटों को लेकर बसपा की जितनी आकांक्षाएं थीं, वो कांग्रेस की चुनावी गणित से मेल नहीं खा रहीं थीं।
पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम और एक वेबसाइट के संस्थापक राघव बहल पर हुई जांच एजेंसियों की कार्रवाई से जुड़े सवाल पर उन्होंने कहा कि मोदी सरकार प्रतिशोध की भावना से ये कार्रवाई कर रही है। भाजपा महिला मोर्चा की मध्यप्रदेश अध्यक्ष लता ऐलकर की ओर से महिला पत्रकारों पर दिए बयान के बारे में श्री सुरजेवाला ने कहा कि अपनी व्यथा सामने रखने वाली हर महिला की बात को गंभीरता से सुना जाना चाहिए, गेंद अब भाजपा के पाले में है, या तो विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर स्वयं आकर अपना जवाब दें अौर अगर वे ऐसा नहीं करते तो स्पष्ट हो जाएगा कि पीड़ित महिलाओं की बात सही है, ऐसे में अकबर को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए।