अजमेर। सम्पूर्ण राज्य में आयुर्वेद विभाग के 332 औषधालयों एवं चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण करने पर 22 औषधालय बन्द मिले। इस दौरान 26 कार्मिक एवं अधिकारी अनुपस्थित पाए गए।
आयुर्वेद विभाग की शासन सचिव विनीता श्रीवास्तव ने विभाग के सभी अधिकारियों को सोमवार को औषधालयों एवं चिकित्सालयों के आकस्मिक निरीक्षण निर्देश दिए। राज्य के समस्त जिलों के उपनिदेशक, संभाग के अतिरिक्त निदेशक एवं निदेशक आयुर्वेद विभाग के द्वारा एक साथ सम्पूर्ण राज्य में समस्त औषधालयों एवं चिकित्सालयों का निरीक्षण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। इस दौरान औषधालयों में उपस्थित चिकित्सकों, नर्स एवं परिचारकों की जानकारी ली गई। साथ ही औषधालय में उपलब्ध औषधियों के बारे में भी वस्तुस्थिति प्राप्त की गई।
उन्होंने बताया कि राज्य में सोमवार को 332 औषधालयों एवं चिकित्सालयों का औचक निरीक्षण किया गया। उप निदेशक टोंक अरविन्द शर्मा एवं जयपुर-ए चन्द्रशेखर शर्मा द्वारा सर्वाधिक 15-15 निरीक्षण किए गए। निरीक्षण के दौरान राज्य में 22 औषधालय एवं चिकित्सालय बन्द पाए गए। इस दौरान 29 अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किए गए चिकित्सालयों में से समस्त चिकित्सालय सुचारू रूप से संचालित होते हुए पाए गए।
उन्होंने बताया कि भीलवाडा जिले में निरीक्षित 10 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से बीड का खेडा, उन्दारों का खेडा, थलोदा, नागौर जिले में निरीक्षित 12 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से लालास, जिजोट, मारोठ, टोंक जिले में निरीक्षित 15 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से बरथला, सवाईमाधोपुर जिले में निरीक्षित 6 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से खिलचीपुर, भूरी पहाडी, पांचोलास, जयपुर जिले में निरीक्षित 15 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से छारसा, दौसा जिले में निरीक्षित 7 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से कालवान, गडरावा औषधालय बन्द पाए गए।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार पाली जिले में निरीक्षित 8 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से निपल, घेनडी, रामासनी बाला, जालौर जिले में निरीक्षित 8 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से रायथल, जोधपुर जिले में निरीक्षित 8 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से जूड, पीथवास, अलवर जिले में निरीक्षित 13 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से जलालपुरा, सामुदायिक स्वास्थ केंद्र तिजारा तथा कोटा जिले में निरीक्षित 4 चिकित्सालयों एवं औषधालयों में से सुलतानपुरा औषधालय बन्द पाए गए।
उन्होंने बताया कि निरीक्षण किए गए औषधालयों तथा चिकित्सालयों में 12 चिकित्साधिकारी, 6 कम्पान्डर्स एवं 8 परिचारक अनुपस्थित पाए गए। आयुर्वेद विभाग के निदेशक आनन्द कुमार शर्मा द्वारा निरीक्षित 9 चिकित्सालयों में सर्वाधिक 6 व्यक्ति अनुपस्थित मिले। इनमें 2-2 चिकित्सक, नर्स एवं परिचारक है। उप निदेशक नागौर जय प्रकाश मिश्रा द्वारा 12 चिकित्सालयों एवं औषधालयों के निरीक्षण में 3 चिकित्सक एवं एक नर्स अनुपस्थित पाए गए।
उन्होंने बताया कि चिकित्सक, नर्स एवं परिचारक द्वारा समय पर औषधालय नहीं खोलना ड्यूटी में लापरवाही को दर्शाता है। इसी प्रकार बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित रहना कदाचार की श्रेणी में आता है। निरीक्षण के दौरान बन्द पाए गए औषधालयों एवं चिकित्सालयों के स्टाफ एवं अनुपस्थित पाए गए कार्मिकों के विरुद्ध नियमानुसार आवश्यक कार्यवाही की जाएगी।