नयी दिल्ली । भारत को इंडोनेशिया एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक दिलाने के उद्देश्य के साथ दो बार के ओलम्पिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार गुरूवार को जकार्ता के लिए रवाना होंगे।
सुशील ने इस साल गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीतकर राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्णिम हैट्रिक पूरी की थी। सुशील विश्व चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक, एशियाई चैंपियनशिप में स्वर्ण और लगातार दो ओलम्पिक में कांस्य तथा रजत पदक जीत चुके हैं लेकिन उनके पास एशियाई खेलों का स्वर्ण पदक नहीं है।
महाबली सतपाल के शिष्य सुशील ने 2006 के दोहा एशियाई खेलों में 66 किग्रा वर्ग में कांस्य पदक जीता था लेकिन उसके बाद अगले दो एशियाई खेलों में उन्होंने हिस्सा नहीं लिया। अप्रैल में राष्ट्रमंडल खेलों में 74 किग्रा का स्वर्ण पदक जीतने के बाद सुशील एशियाई खेलों में स्वर्ण जीतने का अपना सपना पूरा करने के इरादे से उतरेंगे।
भारत ने पिछले एशियाई खेलों में कुश्ती में एक स्वर्ण, एक रजत और तीन कांस्य सहित पांच पदक जीते थे। योगेश्वर दत्त ने 28 साल के लंबे अंतराल के बाद भारत को कुश्ती में स्वर्ण पदक दिलाया था। योगेश्वर से पहले करतार सिंह ने 1986 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। सुशील के गुरु महाबली सतपाल ने 1982 के दिल्ली एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक जीता था।
सुशील ने एशियाई खेलों के लिए दो बार जार्जिया जाकर अपनी तैयारियों को मजबूत किया है। वह हाल में जार्जिया में थे जहां उन्होंने रूसी पहलवानों के साथ अभ्यास किया। महाबली सतपाल ने बताया कि सुशील पहले से ज्यादा फिट है और वह देश को स्वर्ण दिला सकता है। उन्होंने बताया कि सुशील 16 अगस्त को जकार्ता के लिए रवाना होंगे।