SABGURU NEWS| जौनपुर उत्तर प्रदेश में जौनपुर के पंवारा क्षेत्र के सरांवा में शहीद लालबहादुर गुप्त स्मारक पर आज राज्य के पहले मुख्यमंत्री, महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भारत रत्न पंडित गोविन्द बल्लभ पंत की 57 वीं पुण्यतिथि मनायी गयी ।
इस अवसर पर हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी एवं लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के कार्यकर्ताओं ने शहीद स्मारक पर महान स्वतंत्रता सेनामी श्री पंत के चित्र पर माल्यार्पण की और उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला तथा दो मिनट का मौन रखकर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
शहीद स्मारक पर उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए लक्ष्मीबाई ब्रिगेड के अध्यक्ष मंजीत कौर ने कहा कि गोविन्द बल्लभ पंत का जन्म उत्तराखण्ड के अल्मोड़ा जिले के खूंट गांव में 10 सितम्बर 1887 को हुआ था। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से वर्ष 1909 में कानून की परीक्षा पास की और काकोरी काण्ड के मुकदमें की पैरवी से उन्हें पहचान एवं प्रतिष्ठा मिली। उन्होंने कहा कि वर्ष 1937 में श्री पंत संयुक्त प्रान्त के प्रधानमंत्री बने और 1946 में उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने। 10 जनवरी 1955 को श्री पंत ने भारत के गृहमंत्री का पद संभाला था।
उन्होंने कहा कि देश में ऐसे क्रातिकारी नेताओं की सूची बहुत कम है, जिन्होंने राजनीति के साथ-साथ साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड ने शिक्षा के क्षेत्र में जो भी उपलब्धियां हासिल की है, सवर्गीय पंत ने उनकी आधार शिला रखी है। उन्होंने कहा कि पंत जी ने ही हिन्दी को राजकीय भाषा का दर्जा दिलाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभायी थी। सात मार्च 1961 को श्री पंत का देहान्त हो गया।
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