अजमेर। स्वदेशी जागरण मंच अजयमेरु की ओर से बुधवार को तारना त्रयोदशी समारोह पूर्वक मनाई गई। 13 प्रकार के अनाजों के मिश्रण से तैयार भोजन प्रसादी का लोगों ने आनंद लिया।
हर साल की तरह इस बार भी तारना त्रयोदशी पर स्वदेशी जागरण मंच ने पुष्कर रोड स्थित आदर्श विद्या मंदिर विद्यालय परिसर में विशेष आयोजन रखा। इसमें स्वदेशी जागरण मंच के कार्यकर्ताओं समेत बडी संख्या में आमजन ने भी शिरकत की।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता स्वदेशी जागरण मंच के प्रदेश संयोजक धमेन्द्र दूबे ने भारत की पारंपरिक खान पान व्यवस्था पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जिस तरह से हमारे भोजन में विदेशी स्वाद का दखल बढ रहा है वह स्वास्थ्य के लिए उचित नहीं है। भारतीय जलवायु की दृष्टि से यहां की धरती पर उपजा अन्न ही श्रेष्ठ है, शरीर को निरोगी रखता है। ऋतु के अनुरूप हमारी यह प्रकृति हमें अनाज, फल, सब्जियां और अन्य प्रकार की खाद्य सामग्री देती है। हम बीमार तब पडते हैं जब प्रकृति के विपरीत आचरण करते हैंं। अत: प्रकृति प्रदत्त नियमों से चलेंगे तो हमारी बहुत सी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं स्वत: ही समाप्त हो जाएंगी।
सम्राट पृथ्वीराज चौहान राजकीय महाविद्यालय में रसायन विज्ञान की प्राध्यापक रश्मि शर्मा ने वैज्ञानिक तरीके से खान पान की परिभाषा बताई तथा भारतीय अनाजों के विशिष्ट गुणों से अवगत कराया।
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रचार विभाग के निरंजन शर्मा ने कहा कि स्वदेश में तैयार माल या साम्रग्री की अनदेखी कर विदेशी की खरीदारी को राष्ट्रप्रेम नहीं कहा जा सकता। हमें अपनी चीजों में कमियां ढूंढने की बजाय उसे और परिष्कृत करने पर ध्यान देना होगा। विदेशी कंपनियां भारत को एक बाजार की तरह देखती हैं। बहुसंख्यक देश तथा भोलेपन ही हमारी कमजोरी बनता जा रहा है।
विदेशी सामग्री की बढती खपत के कारण ही देश का आयात और निर्यात का अंतर बढता जा रहा है जो वैश्विक स्तर पर हमारी अर्थव्यवस्था को कमजोर कर रहा है। आज हम भौतिकता की अंधी दौड में विदेशी साजो सामान की खरीदारी कर लेते हैं, स्वदेश में बनी वस्तुओं की अनदेखी करते हैं, हमारी यह आदत इस देश की प्रगति में बाधक बन रही है। देश को दुनिया में मजबूत करना है तो स्वदेशी के प्रति गंभीर होना ही पडेगा। स्वदेशी जागरण मंच के विभाग संयोजक डॉ अरुण अरोडा ने अंत में आभार जताया, मंच संचालन संत कुमार ने किया। इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के दिलीप चौहान, प्राध्यापक मनोज कुमार समेत बडी संख्या में गणमान्यजन मौजूद रहे।
13 प्रकार के अनाजों के मिश्रण का प्रसाद
तारना त्रयोदशी के मौके पर आगंतुक सभी लोगों को 13 प्रकार के अनाजों से बने व्यंजन तथा प्रसादी का भोजन कराया गया। इस पौष्टिक भोजन को तैयार करने में स्वदेशी जागरण मंत्र के कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका रही।
स्वदेशी खाद्य वस्तुओं की स्टालें
कार्यक्रम स्थल पर स्वदेशी खान पान की वस्तुओं की स्टालें लगाई गई। इन स्टालों पर मसाले, दालें, घी, शहद आदि उपलब्ध थी। लोगों ने बहुत ही उत्सुकता के साथ खरीदारी की।