अजमेर। करोना काल में साहसी युवाओं द्वारा अर्थ सृजन जैसे उपाय करके अन्य युवा साथियों को रोजगार उपलब्ध करवाना वर्तमान करोना काल में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। करोना जैसी महामारी के कारण अनेक परिवारों पर रोजगार का संकट उत्पन्न हुआ है, ऐसे में भारत के कई युवाओं ने ऐसे कार्य शुरू किए जिससे अनेक लोगों को रोजगार उपलब्ध हुआ।
स्वदेशी जागरण मंच के विभाग संयोजक डॉ संत कुमार ने सोमवार को संपूर्ण भारत वर्ष में स्वदेशी जागरण मंच के तत्वावधान में चलाए जा रहे अर्थ संयोजक सम्मान समारोह में बोलते हुए देश के युवाओं से आह्वान किया कि वह नौकरी करने वाले ना बनें बल्कि नौकरी प्रदान करने वाले बनें।
कोरोना को लेकर भारतीय अर्थव्यवस्था की कमजोरी के कारणों को गिनाते हुए डॉ कुमार ने कहा कि देश का युवा हताश और निराश ना हों। साहस, उत्साह और परिश्रम के साथ रोजगार सृजन कर बेरोजगारी को समाप्त किया जा सकता है। वर्तमान समय में भी कई ऐसे कार्य हैं जो मानवीय जीवन के लिए नितांत आवश्यक हैं।
उपभोक्ता वस्तुओं के बिना मानव का जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती ऐसे में देश के युवा ऐसे उत्पादों का उत्पादन कर अनेक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराकर देश की बेरोजगारी को समाप्त करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।
युवाओं का सम्मान
अशोक नगर स्थित लिलीपुट स्कूल के सभागार में स्वदेशी जागरण मंच के तत्वावधान में अजमेर जिले के ऐसे युवाओं का सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिन्होंने करोना काल में जिले के अंदर अनेक प्रकार के रोजगार का सृजन करने के साथ ही युवाओं को रोजगार प्रदान किया साथ। स्वदेशी जागरण मंच ने फुटपाथ पर सामान बेचने वाले छोटे कारोबारियों को भी सम्मानित किया।
इस अवसर पर स्वदेशी जागरण मंच के जिला संयोजक सुरेश उपाध्याय, कोषाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण, स्वर्णकार व्यवस्था प्रमुख भागचंद सेन, महानगर सह संयोजक राहुल शर्मा सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। जिला संयोजक सुरेश उपाध्याय ने सभी उद्यमियों और व्यापारियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।