नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े स्वदेशी जागरण मंच ने डिजिटल क्रिप्टोकरंसी को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने और इसके कारोबार में लगे लोगों के लिए कड़े दंड का प्रावधान करने की मांग की है।
स्वदेशी जागरण मंच की ग्वालियर में हुई 15वीं राष्ट्रीय सभा में पारित किए गए प्रस्ताव में सरकार के ‘क्रिप्टो मुद्रा और राजकीय डिजिटल मुद्रा विधेयक 2021’ का स्वागत करते हुए कहा गया कि सरकार क्रिप्टोकरंसी पर प्रतिबंध लगाने का इरादा रखती है और भारतीय रिजर्व बैंक की डिजिटल मुद्रा जारी करने की योजना है।
प्रस्ताव में कहा गया है कि सरकार को देश में रहने वाले किसी भी व्यक्ति द्वारा क्रिप्टोकऱंसी की खरीद, बिक्री, निवेश और लेनदेन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाना चाहिए। इस प्रतिबंध की अवहेलना करने पर व्यक्तियों और संस्थाओं के लिए वित्तीय दंड का प्रावधान किया जाना चाहिए।
स्वदेशी जागरण मंच के सह संयोजक अश्विनी महाजन ने रविवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि क्रिप्टोकरंसी में कोई अंतर्निहित परिसंपत्ति नहीं है और जारीकर्ता की पहचान नहीं हो पाती है। क्रिप्टोकरंसी पर भारी अटकलें लगती हैं जो वित्तीय बाजार पर प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। क्रिप्टोकरंसी से कालेधन और आतंक का वित्तपोषण भी हो सकता है। इसलिये सरकार को वर्तमान में प्रचलन में क्रिप्टोकरंसी या क्रिप्टो-परिसंपत्तियों की खरीद, बिक्री, लेनदेन के लिए ऑनलाइन ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।
ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी को केवल क्रिप्टोकरंसी से नहीं जोड़ने का अनुरोध करते हुए स्वदेशी जागरण मंच ने कहा है कि आर्थिक या सामाजिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में इस तकनीक के उपयोग को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। भारतीय रिजर्व बैंक को डिजिटल करंसी (सीबीडीसी) को शीघ्र लाना चाहिए और इसे कानूनी वैधता प्रदान करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि क्रिप्टोकरंसी का छोटे शहरों और कस्बों में तेजी से प्रसार हो रहा है। इसलिए इसे प्रतिबंधित करने का आक्रामक प्रचार अभियान चलाया जाना चाहिए। एक अनुमान के अनुसार देश में दो करोड़ लोग क्रिप्टोकरंसी का प्रयोग कर रहे हैं। इसलिए क्रिप्टोकरंसी के बारे में भ्रामक विज्ञापनों के प्रति लोगों को सतर्क किया जाना चाहिए।