अजमेर पुष्कर। स्वदेशी जागरण मंच राजस्थान की ओर से पुष्कर के भारत सेवा संघ परिसर में आयोजित दो दिवसीय प्रांत विचार वर्ग रविवार को संपन्न हुआ। इस दौरान कार्यकर्ताओं के नए दायित्वों की भी घोषणा की गई।
दो दिन तक चले स्वदेशी मंथन में यह बात उभर कर आई कि स्वदेशी को बढावा देने के लिए सामूहिक अभियान चलाने की आवश्यकता है। स्वदेशी की भावना के जरिए ही भारत को आर्थिक उन्नति के उत्कर्ष पर ले जाया जा सकता है। हमें विदेशी कंपनियों के जाल में फंसने से खुद को बचाना है साथ ही आमजन के जीवन में स्वदेशी रच बस जाए ऐसा प्रयास करना है।
स्वदेशी का संबंध महज वस्तुओं से नहीं बल्कि हमारी दिनचर्या से भी है। हमारी सभ्यता, संस्कृति और जीवन मूल्य की रक्षा के लिए भी स्वदेशी की भावना ही एकमात्र हथियार है।
स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सहसंयोजक प्रो भगवती प्रकाश शर्मा ने इस अवसर पर कहा कि हम अपने स्वदेशी भाव को अपनाते हुए अपनी सभी आवश्यकताओं के लिए स्वदेशी वस्तुएं ही खरीद कर राष्ट्र निष्ठा का परिचय दें। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय जनता स्वदेशी वस्तुओं को अपनाती है तो एक साल में ही भारत की आर्थिक तस्वीर बदल सकती है।
आज देश में जूते की चेरी पॉलिश, कोलगेट के टूथपेस्ट, विदेशी कारों आदि के स्थान पर उपलब्ध स्वदेशी उत्पाद खरीदें तो भारत अल्पकाल में ही विश्व औद्योगिक देशों की अग्र पंक्ति में स्थापित हो जाएगा। एक साल के भीतर विदेशी कंपनियां अपने समग्र उत्पादन तंत्र को नाम मात्र की कीमत में बेचे जाने को बाध्य हो जाएंगी।
स्वदेशी को वर्तमान संदर्भ में प्रासंगिक, विदेशी निवेश प्रभाव का आकलन, स्वदेशी पर महात्मा गांधी व विनोबा भावे के विचार, स्वदेशी विचारों का प्रकटकीकरण, नई आर्थिक नीतियां विनाश को निमंत्रण, जीडीपी, उदारीकरण के दुष्परिणाम, खुदरा व्यापार में प्रत्यक्ष विदेशी निवेशका दुष्प्रभाव विकासशील देशों के हाथ बांधने का तंत्र डब्ल्यूटीओ वैश्विक राजनीति में भारत को सामर्थ विषय पर अपने विचार रखे।
इस अवसर पर चित्रकूट धाम पुष्कर के उपासक संत पाठकजी महाराज ने कार्यकर्ताओं को स्वदेशी विचार को प्रत्येक व्यक्ति तक पहुंचाने और उस विचार को जीवन में अपनाने की सीख दी। उन्होंने स्वदेशी जागरण मंच की सराहना करते हुए कहा कि आज भारत में जरूरत संयुक्त परिवार, रोजगार व पर्यावरण विषय पर सर्वाधिक कार्य करने की है जो कि स्वदेशी जागरण मंच कर भारत में एक अनुकरणीय कार्य कर रहा है।
संगठन के राष्ट्रीय संगठक कश्मीरी लाल ने स्वदेशी के महत्व विषय पर विचार रखते हुए कार्यकर्ताओं को समाज जागरण के लिए किए जाने वाले छोटे छोटे कार्य के बारे में जानकारी देकर स्वदेशी अभियान को और ज्यादा ताकतवर बनाने पर बल दिया।
दो दिवसीय विचार वर्ग में राजस्थान प्रांत के संयोजक डॉ धर्मेन्द्र दुबे ने सभी अतिथियों का माल्यार्पण कर स्वागत किया। अरुण अरोडा ने धन्यवाद ज्ञापित किया।