समर्थ समृद्धि व स्वावलंबी भारत ही विश्व मंगल का आधार बनेगा : निंबाराम
जयपुर। स्वदेशी जागरण मंच जयपुर महानगर की ओर से ‘स्वदेशी स्वावलंबन की और भारत’ पुस्तक का विमोचन कार्यक्रम आयोजित किया गया। मंच के अखिल भारतीय विचार प्रमुख सतीश कुमार द्वारा लिखित इस पुस्तक का विमोचन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने किया।
सर्वप्रथम मंच के क्षेत्रीय संयोजक डॉ. धर्मेंद्र दुबे ने पुस्तक की प्रस्तावना रखते हुए जागरण मंच द्वारा चलाए जा रहे स्वावलंबन अभियान की जानकारी दी।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए क्षेत्र प्रचारक निंबाराम ने कहा कि स्वदेशी की भावना ही देश के आर्थिक सामाजिक और सांस्कृतिक समुत्कर्ष का आधार व राष्ट्रभक्ति की साकार अभिव्यक्ति है। आर्थिक प्रगति की दृष्टि से देश में बिकने वाली वस्तुएं और सेवाएं पूरी तरह से देश में ही उत्पादित होने पर देश में रोजगार का सृजन देशवासियों को नियमित आय की प्राप्ति और सरकार के लिए राजस्व वृद्धि संभव है।
उन्होंने कहा कि विदेशों से आयातित वस्तुओं को खरीदते चले जाने से देश में बेरोजगारी, विश्व विदेशी व्यापार में घाटा, रुपए की विनियम दर में गिरावट जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
क्षेत्र प्रचारक ने कहा कि विकास के लिए विदेशी उत्पाद और सेवाएं अथार्थ मेड बाय भारत या मेड बाय इंडिया वस्तुओं व सेवाओं के परिवर्तन व अपनाने के अतिरिक्त कोई अन्य मार्ग नहीं है। देश के लिए आवश्यक है कि हम अपनी खरीदारी में रोजगार प्रधान स्थानीय उद्योगों व लघु उद्योगों की वस्तुओं को प्राथमिकता प्रदान करें।
विकेंद्रित उत्पादन से ही समावेशी विकास संभव है। स्वदेशी उत्पादों की तुलना में विदेशी बहुराष्ट्रीय कंपनियां एवं विदेशों से आयातित उत्पादों का पूर्ण बहिष्कार करें।
वर्तमान कोरोना संकट और लॉकडाउन की चुनौतियों के चलते देश के सम्मुख स्वदेशी व स्वावलंबन का ही एक मेव एवम् श्रेष्ठतम विकल्प सुलभ है। संचालन महानगर संयोजक आयुष कुमार व संचालन प्रांत सह संयोजक सुदेश सैनी ने किया।