अजमेर। पुष्करराज स्थित शान्तानन्द उदासीन आश्रम में हर साल की तरह इस बार भी शनिवार को भिरिया-सिन्ध के शहंशाह बाबा हरीराम साहिब के शिष्य सतगुरू बाबा हिरदाराम साहिब जी का 114वां जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया।
महन्त राममुनी उदासीन, संत आतमदास माधवदास उदासीन, संत ईश्रदास उदासीन, गौतमसाई, संतो के सानिध्य में रुद्र अभिषेक हवन मूर्ति, समाधि स्थल की पूजा, महाआरती व भण्डारा के साथ सम्पन्न हुआ। श्रदालुओं ने स्वामी जी की जीवन यात्रा से बनी थ्रीडी व प्रीन्ट मिडिया में बनी जीवन यात्रा से आमजन का संदेश का दर्शन लाभ लिया।
महंत हनुमानराम उदासीन ने बताया कि स्वामी हिरदाराम जी का कहना रहा कि परमेश्वर को याद करें, बच्चे, बूढें और बीमारों की सेवा करेंगे तो लोक परलोक में अपार आनंद मिलेगा। वे कहते थे ईश्वर का भजन करने से मन पवित्र होता है और सेवा की भावना बढती है।
स्वामी जी संदेश में कहा करते थे कि मानव सेवा ही माधव सेवा है। त्याग, तपस्या, सादगी से प्राप्त उज्जवल विचार प्रभु प्राप्ति की राह पर लेकर जाते हैं। स्वामी जी ने अपने अन्तिम दिनों में संदेश दिया कि सेवा की राह पर चलते हुए जो मिल जाएगा उन कदमों से पूछना मेरा पता मिल जाएगा।
सुबह रुद्र अभिषेक, हवन तथा महाआरती के आयोजन हुए। अंत समस्त भक्तजनों ने भण्डारा प्रसादी ग्रहण की। कार्यक्रम में अजमेर व पुष्कर के साथ-साथ बेरागढ़, भोपाल, जयपुर, भरतपुर, छत्तीसगढ़, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, राजधानी दिल्ली और देश-विदेश से जुड़े भक्तगण मौजूद रहे।
कंवल प्रकाश किशनानी, प्रकाश मूलचंदानी, हरि चन्दनानी, प्रेम केवलरमानी, हरिराम कोढवानी, महेन्द्र तीर्थानी, प्रभु लौंगानी, पीआई टोपानी, नरेश बागानी, मोहन तुलसानी, दीपक श्रीचन्द सादवानी, रमेश टिलवानी, महेन्द्र, पारस लौंगानी, मनीष प्रकाश, दीनू आदि उपस्थित थे।