कोच्चि। केरल के सोना तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना ने राज्य के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन के पूर्व मुख्य सचिव एम. शिवशंकर को पांच जुलाई से 10 जुलाई के बीच तीन बार फोन किया था।
सूत्रों ने शुक्रवार को बताया कि स्वप्ना ने गिरफ्तार होने से पहले शिवशंकर को कम से कम तीन बार फोन करके उनसे मदद मांगी थी, लेकिन उन्होंने उसकी मदद नहीं की थी।
शिवशंकर ने जांच एजेंसियों के सामने यह स्वीकार कर लिया है कि 30 जून को सीमा शुल्क विभाग द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद स्वप्ना ने उनसे मदद मांगी थी, लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार कर दिया है कि उन्होंने इस मामले में उसकी स्वप्ना की कोई मदद की थी।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अधिकारियों ने गुरुवार को शिवशंकर तथा स्वप्ना को आमने-सामने बैठाकर 43 सवाल पूछे थे। एनआईए अधिकारियों ने शिवशंकर से मुख्यमंत्री के पूर्व आईटी सहयोगी अरुण बालचंद्रन द्वारा किए गए खुलासे को लेकर भी सवाल किए गए।
अरुण ने स्वप्ना तथा चार्टेड अकाउंटेड वेणुगोपाल अय्यर के लिए फ्लैट बुक किया था। सूत्रों ने बताया कि शिवशकर ने ज्यादातर सवालों के जवाब में कहा कि उन्हें कुछ पता नहीं है।
स्वप्ना सुरेश की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ी
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत ने सोना तस्करी मामले में आरोपी स्वप्ना सुरेश की न्यायिक हिरासत की अवधि शुक्रवार को आठ अक्टूबर तक बढ़ा दी। स्वप्ना की चार दिनों की न्यायिक हिरासत की अवधि आज समाप्त हो गई। एनआईए ने स्वप्ना को विशेष अदालत के न्यायाधीश पी कृष्ण कुमार के समक्ष पेश किया। अदालत ने उनकी न्यायिक हिरासत की अवधि आठ अक्टूबर तक बढ़ा दी।
एनआईए ने स्वप्ना के मोबाइल फोन और लैपटॉप से प्राप्त महत्वपूर्ण डिजिटल साक्ष्य को लेकर पिछले चार दिनों तक उनसे लंबी पूछताछ की थी। अधिकारियों ने उनके व्हाट्सएप से भी तस्वीरें और एक अन्य आरोपी संदीप नायर के लैपटॉप से लगभग 2000 जीबी की जानकारी प्राप्त की थी।