नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने मंगलवार को आरोप लगाया है कि दिल्ली पुलिस उनके साथ सहयोग नहीं कर रही है और पुलिस का कहना है कि ऊपर का आदेश है कि उन्हें भूख हड़ताल पर नहीं बैठने दिया जाए।
सुश्री मालीवाल ने देश भर में बच्चियों और महिलाओं के साथ दुष्कर्म के बढ़ते मामलों के खिलाफ आज से जंतर मंतर पर भूख हड़ताल करने का ऐलान किया था।
चाहे कुछ हो जाए, पुलिस और केंद्र कितनी भी कोशिश कर ले, मेरा आमरण अनशन हर हाल में जारी रहेगा।
जब तक केंद्र पूरे देश के लिए ऐसा सिस्टम नही बनाती की रेपिस्ट को हर हाल में 6 महीने में फाँसी हो, तब तक मैं नही उठूँगी।
पहले राजघाट और फिर सीधे जंतर मंतर जा रही हूँ। जय हिंद। https://t.co/7ZMpjvJBXp
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 3, 2019
महिला आयोग अध्यक्ष ने पुलिस के मना करने के बावजूद अपना आमरण अनशन शुरु कर दिया है। इससे पहले उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि पुलिस हमें जंतर मंतर पर बैठने नहीं दे रही है। रात भर पुलिस ने पूरे जंतर मंतर पर बैरिकेडिंग करके टैंट, माइक और टायलेट नहीं लगने दिया। साफ बोल रहे हैं अनशन नहीं करने देंगे। देश में एक महिला शांति से अनशन भी नहीं कर सकती? केंद्र सरकार को ऐसा भी क्या डर? क्या सच में लोकतंत्र है?
उन्होंने आगे लिखा कि चाहे कुछ हो जाए, पुलिस और केंद्र कितनी भी कोशिश कर ले, मेरा आमरण अनशन हर हाल में जारी रहेगा। जब तक केंद्र पूरे देश के लिए ऐसा सिस्टम नहीं बनाती की रेपिस्ट को हर हाल में छह महीने में फांसी हो, तब तक मैं नहीं उठूंगी। पहले राजघाट और फिर सीधे जंतर मंतर जा रही हूं। जय हिंद।
मोदी जी को पत्र। मैं आमरण अनशन करूँगी जब तक वो अपने वादे पूरा न करते। देश में पुलिस के संसाधन जवाबदेही बढाई जाए & फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएँ।
दिल्ली पुलिस को 66,000 पुलिसकर्मी तुरंत दिए जाएँ और 45 फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट दिल्ली में स्थापित हो। दोषी को हर हाल में & तुरंत सज़ा दो! pic.twitter.com/hZjLkRpLAP
— Swati Maliwal (@SwatiJaiHind) December 3, 2019
मालीवाल ने कहा कि पुलिस कह रही है कि उनके पास ऊपर से आदेश है कि वह हमें भूख हड़ताल पर न बैठने दें। मैं अपराधी नहीं हूं, यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दिल्ली पुलिस सहयोग नहीं कर रही है।
अध्यक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र भी लिखा है जिसमें कहा है कि जब तक आप वादे पूरा नहीं करते, मैं आमरण अनशन करती रहूंगी। देश में पुलिस के संसाधन और जवाबदेही बढ़ाई जाए तथा फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएं।