सूरत। तीन दशक से भी अधिक समय पहले अपने विदेशी दत्तक माता-पिता के साथ उनके वतन स्वीडन चली गई एक भारतीय युवती अब यहां अपनी जैविक माता (बॉयलोजिकल मदर) की भावुक खोज में जुटी हैं।
किरण को घर का काम करने वाली उनकी गरीब माता ने वर्ष 1985 में यहां घोड़दौड़ रोड स्थित एक नारी निकेतन में मजबूरीवश छोड़ दिया था। उसके दो साल बाद उन्हें स्वीडेन के एक दंपती ने गोद ले लिया था। किरण का उन्होंने बहुत ही अच्छे से पालन पोषण किया पर उसके मन से अपनी मां से मिलने की चाहत कम नहीं हुई।
किरण ने मंगलवार को पत्रकारों से कहा कि यह अपनी मां को ढूंढने का उसका दूसरा प्रयास है। वह उस इलाके में जाकर पूछताछ कर चुकी हैं, जहां उनकी मां इंदुबेन काम करती थीं, पर अब तक कोई पता नहीं चल पाया है। उन्होंने अपने बचपन के फोटो भी साथ रखे हैं ताकि कोई जानने वाला उनकी पहचान कर सके और उनकी मां से मिला सके।
बेहद भावुक अंदाज में किरण ने कहा कि वह अपनी मां से मिलने के लिए बेकरार हैं। उनका पूरा अस्तित्व उसे ढूंढता है और उससे मिलना चाहता है। किरण अपनी मां को ढूंढने के लिए पुलिस की भी मदद ले रही हैं और उन्होंने पुलिस आयुक्त सतीश शर्मा से भी मुलाकात कर मदद की गुहार लगाई है।