श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी ने हुर्रियत कांफ्रेस से इस्तीफा दे दिया है। नब्बे वर्षीय गिलानी का पिछले कुछ वर्षों से स्वास्थ्य ठीक नहीं चल रहा है। वह हुर्रियत के आजीवन अध्यक्ष थे।
गिलानी ने एक ऑडियो संदेश भेज कर कहा कि संगठन में चल रही वर्तमान गतिविधियों के मद्देनजर वह ऑल पार्टी हुर्रियत कांफ्रेस से इस्तीफे की घोषणा कर रहे हैं।
गिलानी ने सोमवार सुबह जारी एक ऑडियो संदेश में कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के वर्तमान हालात को देखते हुए वह उससे स्वयं को पूरी तरह से अलग कर रहे हैं। गिलानी ने कहा कि इस संदर्भ में उन्होंने संगठन के सदस्यों को पत्र भेज रखा है। गिलानी 1993 में स्थापित हुर्रियत कांफ्रेस के संस्थापक सदस्यों में एक हैं।
वर्ष 2003 में हुर्रियत कांफ्रेस दो गुटों कट्टरपंथी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस और उदारवादी हुर्रियत कांफ्रेंस में विभाजित हो गया था। इसी वर्ष गिलानी ने एक नये संगठन तहरीक-ए-हुर्रियत का गठन किया। गिलानी हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के कट्टरपंथी गुट का नेतृत्व कर रहे थे जबकि उदारवादी गुट की अगुवाई मौलवी मीरवाइज उमर फारूक के हाथों में थी।