नई दिल्ली। भारत का 2020-21 का घरेलू सत्र 10 जनवरी से सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी टी-20 टूर्नामेंट के साथ शुरू होगा। मुश्ताक अली ट्रॉफी 10 से 31 जनवरी तक खेली जाएगी। लेकिन देश की प्रतिष्ठित प्रतियोगिता रणजी ट्रॉफी इस सत्र में अधर में लटकती नजर आ रही है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के सचिव जय शाह ने सभी राज्य इकाइयों को रविवार को भेजे ईमेल में यह जानकारी दी है। यह फैसला सभी राज्य संघों की सलाह के आधार पर लिया गया है जिसमें उनसे पूछा गया था कि कोरोना प्रभावित घरेलू सत्र में वे किस टूर्नामेंट को खेलना ज्यादा पसंद करेंगे।
सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी को सबसे ज्यादा प्राथमिकता मिली जबकि रणजी ट्रॉफी और विजय हजारे ट्रॉफी समान प्राथमिकता के साथ दूसरी पसंद रहे। जय शाह ने ईमेल में कहा कि टीमों को दो जनवरी तक देश में अपने संबंधित बायो बबल में इकट्ठा होना होगा। ग्रुप और बायो बबल की जानकारी जल्द ही टीमों को बता दी जाएगी। बीसीसीआई घरेलू सत्र के लिए छह बायो बबल बनाना चाहता है। बंगाल और कर्नाटक ने मेजबानी की पेशकश की है।
टूर्नामेंट के लिए अभी स्थलों का फैसला नहीं किया गया है और शाह की ईमेल के अनुसार मुश्ताक अली ट्रॉफी से सम्बंधित विवरण का जल्द फैसला कर लिया जाएगा। बीसीसीआई इसके अलावा अन्य टूर्नामेंट को आयोजित करने के बारे में सदस्यों से सलाह लेगा।
बीसीसीआई के ईमेल में रणजी ट्रॉफी का कोई जिक्र नहीं किया गया है लेकिन शाह ने कहा कि मुश्ताक अली टूर्नामेंट के ग्रुप चरण के बाद इस सन्दर्भ में कोई फैसला लिया जाएगा। हालांकि राज्य संघों का कहना है कि इस सत्र में रणजी ट्रॉफी आयोजित करना काफी मुश्किल होगा। इस बीच सत्र के लिए क्रिकेटरों के अंतर-राज्य ट्रांसफर की अंतिम तारीख 20 दिसम्बर तक बढ़ा दी र्गइ है।