दश्मिक़। सीरिया के पूर्वी गौता प्रांत में विद्रोहियों के एकमात्र कब्जे वाले दौमा शहर में रविवार को हुए संदिग्ध रासायनिक हमले में कम से कम 70 लोगों की दम घुटने से मौत हो गई और हजारों लोग प्रभावित हैं। बीबीसी के अनुसार मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
स्वयंसेवी राहत एवं बचाव बल ‘व्हाइट हेल्मेट’ के प्रमुख आर -अल शाह ने ट्वीट करके कहा कि कई लोगों के शव बेसमेंट पर पड़े हुए हैं और कई लोगों को रासायनिक हमले के प्रभाव के कारण तड़पते हुए देखा जा सकता है। मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
अमरीकी विदेश विभाग ने कहा कि संदिग्ध रासायनिक हमला बेहद भयावह है। अगर यह साबित हो जाता है कि यह रासायनिक हमला है तो विश्व समुदाय द्वारा तुरंत कार्रवाई करने की मांग की जाएगी।
गौता के विरोधियों के समर्थन वाले गौता मीडिया सेंटर ने दावा किया कि एक हेलीकैप्टर से बैरल बम फेंका गया जिसमें टैक्सिक नर्व एजेंट ‘सरीन’ था। संस्था की प्रवक्ता ने कहा कि इस हमले में 180 लोगों की मौत हुयी है। अस्पताल में कई एेसे लोगों को लाया गया जिनके मुंह से झाग निकल रहे थे।
सरकार पर विद्रोही बस्तियों पर रासायनिक हमलों के आरोपों के बीच सरकारी समाचार एजेंसी ‘साना’ ने कहा कि दौमा में जैश-ए-इस्लाम का कब्जा है और वह मिटने की कगार पर है। उसकी मीडिया शाखाएं अरब सेना को रोकने के असफल प्रयास के तहत रासायनिक हमले की खबरें फैला रही हैं।
पिछले सप्ताह भी सीरिया में विद्रोहियों के कब्ज़े वाले इदलिब शहर में संदिग्ध रासायनिक हमले हुए थे जिसमें 11 बच्चों समेत कम से कम 58 लोगों की मौत हो गई है और 12 से अधिक लोग ज़ख़्मी हुए थे।
यूरोपीय संघ ने कहा था कि इस संदिग्ध रासायनिक हमले की ज़िम्मेदारी सीरियाई सरकार की है। फ़्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलाने की मांग की थी और तुर्की ने रूस से बातचीत में ये मामला उठाया था। सीरीयाई सरकार लगातार रासायनिक हथियारों के इस्तेमाल से इंकार कर रही है।
अगर ये साबित हो जाता है कि ये रासायनिक हमले थे तो सीरिया में गृहयुद्ध छिड़ने के छह सालों में ये दोनों सबसे घातक रासायनिक हमले होंगे। राष्ट्रपति बशर अल असद के विरोधियों की स्थानीय कोऑर्डिनेशन कमेटियों के नेटवर्क ने उन लोगों की तस्वीरें पोस्ट की थी जिनकी मौत दम घुटने से हुई बताई जा रही है।